नहीं बाज आ रहा ड्रैगन, डोकलाम में तैनात किए 1800 सैनिक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सिक्किम-भूटान-तिब्बत सीमा के पास डोकलाम में एक बार फिर चीन की नापाक हरकत सामने आई है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने डोकलाम में करीब 1800 सैनिकों की तैनाती की है। ऊंचाई वाला क्षेत्र होने की वजह से सर्दियों का सामना करने के लिए चाइना यहां पर हेलिपैड्स, सड़क और शिविर बनाने का काम कर रहा है।
PLA के जवान स्थाई रूप से तैनात
रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत का रणनीतिक उद्देश्य है कि वह चीन को डोकलाम के दक्षिणी इलाके जमशेरी रिज की तरफ रोड का निर्माण नहीं करने देगा। वहीं चीनी सेना हर साल अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए अप्रैल-मई और अक्टूबर-नवंबर के समय डोकलाम इलाके में आती है। इस क्षेत्र में पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के जवान स्थाई रूप से रहते हैं।
पहले भी हुआ था विवाद
18 जुलाई को भारतीय सैनिकों ने चीन को जम्फेरी रिज की ओर सड़क बनाने से रोका। लगातार डोकलाम पर भारत और चीन के बीच बढ़ रहे गतिरोध के बीच विवाद को शांत कराने की कई कोशिशें की गईं। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे से पहले चीन ने अपने सैनिकों को 150 मीटर पीछे लौटा लिया। इसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 3 सितंबर से 5 सितंबर तक जियामेन और चीन में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने का मार्ग प्रशस्त किया।
रणनीतिक तौर पर अहम डोकलाम
भूटान में 89 स्कावयर किलोमीटर का डोकलाम का इलाका है। डोकलाम को भूटान में डलम कहते हैं। करीब 300 वर्ग किलोमीटर का ये इलाका चीन की चुंबी वैली से सटा हुआ है और सिक्किम के नाथुला दर्रे के करीब है रणनीतिक तौर पर तीनों देशों के लिए ये काफी अहम है। चीन डोकलाम पर अपना दावा ठोंकता रहा है जबकि भूटान उसे अपना हिस्सा मानता है। मित्र देश होने के नाते भूटान की सुरक्षा के लिए भारतीय सेनाएं डोकलाम में मौजूद रहती हैं। भारत को इस बात का अंदेशा है कि अगर डोलाम इलाके में चीन ने सड़क बना दी तो फिर वह अधिकार जमा देगा। जैसा चीन ने तिब्बत में बफर स्टेट पर कब्जा करके किया था। अगर भूटान के इलाके में रोड बनाता है तो वो इलाका खत्म हो जाएगा। आने वाले दिनों में मुश्किलात हो सकती है।
Created On :   11 Dec 2017 12:38 PM IST