'ताजमहल एक मकबरा है या मंदिर ? सूचना आयोग ने सरकार से पूछा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। "ताजमहल" शाहजहां द्वारा बनाया गया एक "मकबरा" है या राजपूत राजा द्वारा मुगल सम्राट को उपहार के रूप में दिया गया एक "शिव मंदिर"। यह सवाल केन्द्रीय सूचना आयोग ने सरकार से पूछा है। इस मुद्दे पर अपना रूख स्पष्ट करने के लिए सूचना आयोग ने संस्कृति मंत्रालय को एक निर्देश जारी किया है। यह सवाल एक RTI याचिका के माध्यम से सूचना आयोग के पास पहुंचा था और अब सूचना आयोग ने इसे संस्कृति मंत्रालय के पाले में डाल दिया है।
सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने आदेश में कहा है कि मंत्रालय को विवाद सुलझाना चाहिए और दुनिया के इस अजूबे के इतिहास के बारे में संदेह स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले से जुड़े कई केस सुप्रीम कोर्ट समेत अन्य कोर्ट में खारिज किए जा चुके हैं जबकि कई केस अभी भी पेंडिंग हैं। आचार्युलू ने कहा कि इस मुद्दे से जुड़े कुछ मामलों में आर्कियोलॉजीकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) भी पार्टी है। उसके पास भी इससे जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। उन्होंने कहा, "सूचना आयोग ने ASI को निर्देश दिए हैं कि 30 अगस्त 2017 से पहले इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज और अपीलकर्ताओं को पेश करें।"
इस बहस में सूचना आयोग तब शामिल हुआ जब एक याचिकाकर्ता बी के एस आर आयंगर ने ASI में एक RTI के माध्यम से यह जानना चाहा कि आगरा की यह ऐतिहासिक विरासत "ताजमहल" है या "तेजो महालया मंदिर।" कई लोग मानते हैं कि ताजमहल वास्तव में "ताज महल" नहीं "तेजो महालया" है, जो शाहजहां ने मुमताज़ के लिए नहीं बनाया था, बल्कि उसे राजपूत राजा मानसिंह ने मुगल सम्राट को उपहार स्वरूप दिया था। ASI के पास इस मामले से जुड़े कुछ हलफनामे तो हैं, लेकिन ताजमहल का एक मंदिर होने के तथ्यों का उसके पास कोई रिकॉर्ड नहीं है।
Created On :   10 Aug 2017 3:27 PM GMT