TDP बढ़ा सकती है बीजेपी की मुसीबत, सीएम नायडू ने दिए गठबंधन खत्म करने के संकेत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में 2019 में आम चुनाव होने हैं] लेकिन चुनाव से पहले ही रणनीति में बड़े परिवर्तन देखने को मिलने लगे हैं। जहां एक ओर बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए से शिवसेना ने अलग होने का ऐलान किया था तो इस बार आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी तेलुगू देशम पार्टी एनडीए को झटका देने की तैयारी में है। तेलुगू देशम पार्टी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में एनडीए से अलग होने के संकेत दिए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर वे एनडीए से अलग होते हैं तो इसके लिए भाजपा ही जिम्मेदार होगी। बता दें कि बीजेपी नेताओं द्वारा लगातार उनकी पार्टी के नेताओं के विरोध में दिए जा रहे बयानों के बाद नायडू ने यह बात कही है।
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि राज्य के बीजेपी नेता लगातार TDP नेताओं की आलोचना कर रहे हैं और बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व इन्हें कंट्रोल भी नहीं कर रहा। बीजेपी के बड़े नेताओं की जिम्मेदारी है कि वे उन्हें रोकें। शनिवार को सीएम ने कहा कि वे एनडीए और बीजेपी के लिए एक सहयोगी दल की भूमिका निभा रहे हैं और अगर बीजेपी नहीं चाहती की उनकी पार्टी समर्थन करे तो TDP भी अपनी नई रणनीति पर काम करेगी। बता दें कि बीजेपी की 1989 से सहयोगी रही शिवसेना ने भी पिछले दिनों सरकार पर आरोप लगाए थे कि वे सहयोगी दलों को महत्व नहीं दे रहे हैं। इस कारण शिवसेना 2019 के लोकसभा और राज्य के विधानसभा चुनाव में अकेले ही चुनाव लड़ेंगे।
TDP और बीजेपी के विरोध के क्या हैं कारण
बता दें कि आंध्र प्रदेश में बीजेपी की सहयोगी TDP की सरकार है। माना जा रहा है कि इस बार राज्य के चुनावी समीकरण में परिवर्तन देखने को मिल सकता है। राज्य में पिछले दिनों से चर्चा चल रही है कि जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस बीजेपी से गठबंधन कर सकती है। इसके लिए बीजेपी और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं में मुलाकातों का दौर चल रहा है। बता दें कि वाईएसआर कांग्रेस के सांसद वी विजयसाई रेड्डी भी दिसंबर में पीएम मोदी से मुलाकात कर चुके हैं। विजयसाई बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के भी करीबी कहे जाते हैं। वाईएसआर कांग्रेस और बीजेपी में बढ़ रही नजदीकियों के चलते बीजेपी और टीडीपी के संबंधों में खटास आने लगी है।
Created On :   27 Jan 2018 7:53 PM IST