उपचुनाव में हार की कसक है, पर हम योद्धा हैं : सीएम शिवराज
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार सुबह अपने भोपाल स्थित निवास पर आयोजित पत्रकार-वार्ता में कहा कि मुंगावली और कोलारस विधानसभा उपचुनाव में हमने खूब मेहनत की और हारे भी, परन्तु हमने हार का अंतर पहले से बहुत ज्यादा कम किया है। इस हार की कसक है, लेकिन हम योद्धा हैं तथा आने वाले विधानसभा और आम चुनावों में फिर बहुमत लाकर दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि आगामी दिसम्बर माह के पहले सप्ताह में फिर यहीं बैठकर आप लोगों से इस बारे में बात करुंगा।
जन्म दिन आते-जाते रहते हैं
पांच मार्च हो पड़ने वाले अपने जन्म दिवस के सवाल पर सीएम शिवराज ने कहा कि जन्म दिवस तो आते-जाते रहते हैं। असली जन्मोत्सव तो जनता के बीच जाने से होता है।
रेत से तेल निकालना जानते हैं शाह
उत्तर-पूर्व राज्यों के विधानसभा आम चुनावों में पहली बार इतनी सीटें प्राप्त करने पर सीएम शिवराज जो कि BJP हाईकमान के संसदीय बोर्ड के सदस्य भी हैं, ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह रेत से तेल निकालना जानते हैं। उन्होंने कहा इस परिणाम ने बता दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्लोबल लीडर हैं। शिवराज ने कहा कि नार्थ-ईस्ट के राज्यों में इतनी सीटें जीतकर BJP ने सिध्द कर दिया है कि वह सिर्फ कांग्रेस शासित राज्यों को जीतने में ही दक्ष नहीं है बल्कि अन्य गैर कांग्रेस शासित राज्यों में भी जीतने में सक्षम हो गई है। BJP अब देश के 77 प्रतिशत इलाकों और 68 प्रतिशत आबादी पर राज कर रही है।
चुनाव सुधार के लिए बनाई समिति
इस मौके पर सीएम शिवराज ने विधानसभा एवं लोकसभा आम चुनाव एक साथ कराने के संबंध में रिपोर्ट देने के लिए एक शासकीय समिति के गठन की घोषणा की। इस समिति के अध्यक्ष संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा बनाये गए हैं, जबकि सदस्यों में सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य, पार्टी के प्रदेश महामंत्री विष्णुदत्त शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार गिरिजा शंकर एवं महेंश श्रीवास्तव, पूर्व आईएएस एमएम उपाध्याय व शिवनारायण रुपला, अपर मुख्य सचिव रजनीश वैश्य शामिल व तपन भौमिक शामिल किए गए हैं और संसदीय कार्य विभाग की प्रमुख सचिव वीरा राणा समिति की सचिव नियुक्त की गई हैं।
यह समिति तीन माह के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी तथा इसके लिए आमजनों से भी सुझाव लेगी। इस रिपोर्ट को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। सीएम शिवराज ने स्पष्ट किया कि अगले विधानसभा एवं लोकसभा आम चुनावों की तिथियों पर इस समिति की रिपोर्ट से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि इसे लागू करने के लिए साल भर से ज्यादा समय लगेगा और संविधान में संशोधन भी करना होगा।
Created On :   4 March 2018 11:55 PM IST