बयान से पलटा प्रमुख सचिव पर 25 लाख घूस मांगने का आरोप लगाने वाला कारोबारी
- उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर रिश्वत मांगने के कथित रूप से आरोप लगे।
- उसने कहा कि उसने एसपी गोयल पर गलत आरोप लगाया था क्योंकि वो फाइल निरस्त होने से तनाव में था।
- छताछ में सचिव पर आरोप लगाने वाले अभिषेक अपने बयान से पलट गया।
- मामले ने तब तूल और पकड़ा जब यूपी के राज्यपाल राम नाइक ने खुद इस संबंध में सीएम को चिट्ठी लिखी।
- सीएम योगी के सचिव पर रिश्वत और भ्रष्टाचार
डिजिटल डेस्क,लखनऊ । यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर 25 लाख रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगाने वाला अभिषेक गुप्ता अपने बयान से पलट गया है। उसने कहा कि उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं था। उसने बौखलाहट में प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर घूस मांगने का आरोप लगा दिया। इसके साथ ही, यूपी के राजनीतिक और प्रशासनिक हलके में तूफान पैदा करने वाले इस मामले का पटाक्षेप हो गया है।
पुलिस ने शिकायतकर्ता से की पूछताछ
ज्ञात हो कि प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर पेट्रोल पंप के लिए जमीन के आवंटन के लिए लखनऊ निवासी अभिषेक गुप्ता ने 25 लाख रुपए घूस मांगने का आरोप लगाया था। जिसके बाद शुक्रवार को आरोप लगाने वाले अभिषेक गुप्ता के खिलाफ हजरतगंज थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट लिखी गई थी। जिसके बाद पुलिस ने उसे ही हिरासत में ले लिया था।
आलोचकों के निशाने पर आए राज्यपाल
इस बीच पुलिस हिरासत में लिए जाने के बाद अभिषेक गुप्ता का परिवार मुख्यमंत्री आवास पहुंच गया और न्याय की गुहार लगाई। जिसके बाद सीएम आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच के आदेश जारी किए। इससे पहले अभिषेक गुप्ता की शिकायत पर राज्यपाल राम नाईक ने भी मुख्यमंत्री को "समुचित कार्रवाई" के लिए पत्र भेजा था। राज्यपाल ने जिस तरह तथ्यहीन शिकायत को मुख्यमंत्री के पास भेजा, उसकी राजनीतिक हलकों में आलोचना की जा रही है। इस राज्यपाल ने सफाई दी है कि शिकायत में चूंकि प्रमुख सचिव के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे, इस लिए उन्होंने इसे मुख्यमंत्री के पास भेज दिया।
शिकायतकर्ता को न्याय की जगह मिली प्रताड़ना
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिकायतकर्ता को ही हिरासत में लिए जाने पर आश्चर्य जताया है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता के आरोप की जांच करने की बजाय उसे हिरासत में ले कर प्रताड़ित किया गया। उन्होंने कहा कि यह मामला उच्च प्रशासनिक स्तर पर भ्रष्टाचार का मामला है। इसकी सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए। राज्य सरकार इस मामले की जांच न करा कर इसे दबाने की कोशिश कर रही है। इस घटना से राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को समझा जा सकता है।
Created On :   9 Jun 2018 8:59 AM IST