बिहार के इस शहीद जांबाज को मिलेगा अशोक चक्र, 3 आतंकियों को किया था ढेर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में 69वें गणतंत्र दिवस की तैयारियां हर ओर जोर-शोर से चल रही है। गणतंत्र दिवस पर हर बार की तरह इस बार भी देश के महत्वपूर्ण पुरस्कार दिए जाएंगे। इस अवसर पर भारतीय वायु सेना के गरुड़ कमांडो ज्योति प्रकाश निराला को मरणोपरांत अशोक चक्र दिया जाएगा। बता दें कि अशोक चक्र शांति के समय दिया जाने वाला सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता, शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है।
3 आतंकियों को किया था ढ़ेर
बिहार के रोहतास जिले के बादलडीह के 31 वर्षीय इस जवान ने जम्मू-कश्मीर के हाजिन इलाके में आतंकियों से अकेले ही लोहा लिया था। इस हमले में शहीद होने से पहले कमांडो निराला ने मुबंई हमले के मास्टरमांइड लश्कर-ए-तैयबा के चीफ जकिरउर्र रहमान लखवी के भतीजे समेत 3 आतंकियों को ढ़ेर किया था। वहीं इस मुठभेड़ में सेना ने कुल 6 आतंकियों को मार गिराया था। यह घटना 19 नवंबर 2017 कश्मीर के बांदीपुरा जिले के हाजिन इलाके के चंदरगीर गांव में हुई थी। इस ऑपरेशन में अकेले तीन आतंकियों को ढ़ेर करने के लिए उन्हें वन मैन आर्मी भी कहा गया था।
अशोक चक्र पाने वाले पहले एयरमैन
31 वर्षीय ज्योति प्रकाश निराला वायु सेना के पहले एयरमैन हैं। जिन्हें ग्राउंड ऑपरेशन के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है। निराला की एक बेटी और 3 अविवाहित बहनें भी है। उनके बूढ़े मां-बाप भी परिवार में हैं। हालांकि, अभी तक विजेताओं के नामों का आधिकारिक एलान नहीं हुआ है। निराला से पहले पायलट फ्लाइंग अफसर निर्मलजीत सिंह को भी परमवीर चक्र सम्मान मिल चुका है। निर्मलजीत सिंह ने 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। वहीं एयरफोर्स में सबसे पहले अशोक चक्र पाने वाले स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा थे जिन्हें 1984 में यह सम्मान मिला था।
Created On :   25 Jan 2018 8:09 PM IST