कांग्रेस उत्तराखंड में दलित को बना सकती है प्रदेश अध्यक्ष

Congress can make Dalit in Uttarakhand state president
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नई दिल्ली, 29 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड चुनाव से पहले, कांग्रेस अपने मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष को बदल सकती है और पार्टी इसके स्थान पर एक दलित को प्रदेश की कमान सौंप सकती है।

उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि काफी सोच-विचार के बाद प्रस्ताव को पाटी अध्यक्ष के पास भेज दिया गया है। हालांकि सूत्रों ने उस व्यक्ति के नाम का खुलासा नहीं किया है, जिसे यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है।

उत्तराखंड के नेताओं ने पार्टी आलाकमान को बताया है कि कम से कम 18 विधानसभा सीटों पर दलित निर्णायक स्थिति में हैं, और बाकी सीटों पर 5,000 से 10,000 वोट हैं। इस कदम का उद्देश्य बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को दलित वोटों को हासिल करने से रोकना है, जिसकी मैदानी क्षेत्रों में मजबूत उपस्थिति है।

एनडी तिवारी के निधन के बाद और पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस के पास हरीश रावत सबसे शीर्ष नेता हैं। रावत को पंजाब का प्रभारी महासचिव बनाया गया है, लेकिन उन्होंने कहा था, घर वहां है जहां दिल है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों को यह संदेश दिया कि वह अभी भी राज्य की राजनीति में बने हुए हैं।

राज्य की राजनीति हालांकि राजपूत बनाम ब्राह्मणों के बीच केंद्रित है, लेकिन कांग्रेस सभी समुदायों को जगह देने के लिए एक दलित को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहती है। जबकी हरीश रावत एक राजपूत हैं और सीएलपी नेता इंदिरा हृदयेश ब्राह्मण हैं।

पार्टी के पास राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा के रूप में एक दलित चेहरा है। ऐसा संभव है कि वह इस पद के लिए सबसे आगे हो। प्रदीप को कई नेताओं का समर्थन प्राप्त है, हालांकि राज्य में एससी वर्ग से दो विधायक ममता राकेश और राजकुमार हैं, लेकिन टम्टा की वरिष्ठता को देखते हुए उन्हें फायदा हो सकता है।

वहीं मौजूदा प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने इस मुद्दे पर किसी भी कॉल या मैसेज का जवाब नहीं दिया।

आरएचए/एसजीके

Created On :   29 Nov 2020 2:00 PM GMT

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