कर्नाटक: सिद्धरमैया सरकार के सर्कुलर से कांग्रेस नेतृत्व नाराज

Congress leader angry with Siddaramaiah government circular
कर्नाटक: सिद्धरमैया सरकार के सर्कुलर से कांग्रेस नेतृत्व नाराज
कर्नाटक: सिद्धरमैया सरकार के सर्कुलर से कांग्रेस नेतृत्व नाराज


अजीत कुमार, नई  दिल्ली। नरम हिन्दुत्व के सहारे अपना चुनावी डगर आसान बनाने में जुटे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के एक सर्कुलर ने मुश्किल में डाल दिया है। सिद्धरमैया सरकार ने आगामी विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटबैंक साधने के लिए अल्पसंख्यकों के खिलाफ दर्ज साम्प्रदायिक हिंसा के मामले वापस लेने का सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर ने कांग्रेस आलाकमान को नाराज कर दिया है। 

बहुसंख्यक गोलबंदी की आशंका से सहमी कांग्रेस 
कांग्रेस नेतृत्व इस बात से आशंकित है कि कर्नाटक सरकार के इस फैसले से मुस्लिमपरस्त वाली उसकी छवि पुनर्जीवित होगी, जिसका खामियाजा उसे आने वाले चुनावों में भुगतना पड़ सकता है। सिद्धरमैया सरकार ने जारी सर्कुलर में अल्पसंख्यक समुदाय, किसानों और कन्नड़ समर्थकों पर पिछले पांच साल में हुए साम्प्रदायिक हिंसा के मामले वापस लेने की बात कही है। इस फैसले से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांाधी की उस कोशिश को पलीता लग रहा है जिसके तहत वे गुजरात और हिमाचल प्रदेश में मंदिर-मंदिर घूमकर बहुसंख्यक वोट को सहेजने में जुटे थे। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस नेतृत्व ने अपनी इस चिंता से मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को अवगत करा दिया है। कांग्रेस का आकलन है कि इस सर्कुलर से अल्पसंख्यक मतदाताआें से ज्यादा गोलबंदी बहुसंख्यक मतदाताआंे में हो सकती है, जिसका प्रतिकूल असर पार्टी की सियासी सेहत पर होगा। इस सर्कुलर ने भाजपा को कांग्रेस पर सियासी हमला बोलने का एक अच्छा मौका दे दिया है। सूत्र बताते हैं कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए भाजपा नेतृत्व ने अपनी प्रदेश इकाई को इस मामले में आक्रामक रूख अख्तियार करने के निर्देश दिए हैं। 

पहले भी नुकसान झेल चुकी है कांग्रेस
बता दें है कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का बड़ा आरोप लगा था। भाजपा ने कहा था कि मनमोहन सरकार सिर्फ मुस्लिम तुष्टीकरण में जुटी है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हुई दुर्गति (44 सीट) के बाद गठित पार्टी की एंटोनी समिति ने भी कहा था कि संप्रग सरकार पर लगे मुस्लिम तुष्टीकरण के अारोपों ने पार्टी की हार में अहम भूमिका निभाई है। समिति के इस निष्कर्ष के बाद ही राहुल गांधी ने नरम हिंदुत्व के रास्ते पर चलने का मन बनाया। इसका फायदा उन्हें गुजरात चुनाव में कुछ हद तक दिखा भी। लेकिन मुस्लिम वोट पाने की सिद्धरमैया की चाहत ने एक बार फिर कांग्रेस आलाकमान की मुश्किल बढ़ा दी है क्योंकि पार्टी को इसका खामियाजा न केवल कर्नाटक चुनाव मंर बल्कि आगामी लोकसभा और दूसरे चुनावों में भी भुगतना पड़ सकता है।। 
 

Created On :   27 Jan 2018 7:38 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story