राहुल की अहम सलाहकार बनकर उभरी हैं प्रियंका, संगठन में निभा रही हैं बड़ी भूमिका

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रियंका गांधी वाड्रा सक्रिय राजनीति में आने से भले ही इंकार करती रहीं हैं, लेकिन भाई राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पर्दे के पीछे उन्होंने अपनी भूमिका बढ़ा ली है। सोनिया गांधी द्वारा पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद प्रियंका न केवल राहुल गांधी की सबसे बड़ी सलाहकार बनकर उभरी हैं, बल्कि सांगठनिक रणनीति बनाने में भी उनकी भागीदारी बढ़ी है।
प्रियंका ने चुना है कांग्रेस का नया नारा
प्रियंका की बढ़ी भूमिका दिल्ली में चल रहे कांग्रेस महाधिवेशन के दौरान साफ तौर पर देखने को मिली है। सूत्र बताते हैं कि प्रियंका की पसंद के मद्देनजर ही कांग्रेस ने अपना नया नारा वक्त है बदलाव को अंतिम रूप दिया है। हालांकि देश भर से पार्टी के लिए कई नारे प्रस्तावित किए गए थे, लेकिन प्रियंका ने वक्त है बदलाव नारे को सामयिक व सबसे उपयुक्त माना।
महाधिवेशन की तैयारी में प्रियंका की सक्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में पार्टी का महाधिविशन शुरू होने से पहले वह तीन बार अधिवेशन स्थल का मुआयना कर चुकी थीं। उनके हिसाब से ही मंच निर्माण और पार्टी के नेताओं व प्रतिनिधियों के बैठने की व्यवस्था की गई है। पहले दिन राहुल गांधी और सोनिया गांधी के स्टेडियम में पहुंचने से पहले तक वह पर्दे के पीछे से पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक और मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित दूसरे नेताओं को जरूरी निर्देश देती दिखीं। हालांकि बैठक शुरू होने के बाद वह महाधिवेशन में नजर नहीं आईं।
प्रियंका की सलाह पर हुआ वक्ताओं का चयन
प्रियंका गांधी पिछले तीन दिनों से महाधिवेशन की तैयारी में व्यस्त थीं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि दो दिनी अधिवेशन में कौन नेता किस विषय पर बोलेगा और राहुल गांधी के भाषण की दिशा क्या होगी, इसका पूरा खाका भी प्रियंका ने ही बनाया है। महाधिवेशन के पहले उन्होंने राहुल गांधी के आवास 12, तुगलक लेन और गुरूद्वारा रकाबगंज रोड स्थित पार्टी के वार रूम में पार्टी नेताआें के साथ कई बैठकें की हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और उत्तरप्रदेश के प्रदेश नेताओं से भी उन्होने लंबी मंत्रणा की है। जानकारी के मुताबिक संगठन मामले में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के बीच जीवंत संपर्क रहता है और जरूरत पड़ने पर इन दोनों के बीच कड़ी का काम राहुल के निजी सहायक कौशल विद्यार्थी करते हैं।
Created On :   17 March 2018 9:53 PM IST