कांग्रेस करेगी राष्ट्रव्यापी आंदोलन, खोलेगी सरकार की किसान विरोधी नीतियों की पोल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुजरात चुनाव के दौरान दलितों का मुद्दा उठाने के बाद कांग्रेस की दलित समुदाय में बढ़ी पैठ से सबक लेते हुए कांग्रेस ने पूरे देश में अब किसान आंदोलन शुरू करने की योजना बनाई है। मध्यप्रदेश समेत देश के अनेक राज्यों के 130 से अधिक किसान संगठनों के महासंघ ने 1 जून से 10 दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है। इस दौरान 6 जून को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मंदसौर में एक जनसभा करने वाले हैं। इस किसान रैली के बहाने कांग्रेस किसान आंदोलन को व्यापक रूप देने की तैयारी कर रही है। देश के अधिकांश राज्यों में किसान कृषि क्षेत्र की बदहाली को लेकर आंदोलित हैं। इसे देखते हुए कांग्रेस ने राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है।
सरकार को घेरने की तैयारी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मंदसौर दौरा वैसे तो किसानों के 10 दिवसीय आंदोलन के पहले ही तय हो गया था, लेकिन किसान असंतोष को कांग्रेस छह जून को किसान रैली के माध्यम से इसे व्यापक रूप देने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस किसान समस्याओं को ब्लाक और पंचायत स्तर पर उठाकर सरकार को घेरना चाहती है। कांग्रेस रणनीतिकारों का मानना है कि किसान समस्याओं को उठा कर अगले दिनों में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों में बढ़त हासिल की जा सकती है। इन सभी राज्यों में फिलहाल भाजपा की सत्ता है।
खोखली नीतियां, बदहाल किसान
देश में किसानों की बदहाली का आलम यह है कि हर रोज़ 35 किसान आत्महत्या करते हैं। सरकारी स्तर पर किए जाने वाले प्रयासों से कृषि क्षेत्र का संकट दूर नहीं हो सका है। कांग्रेस का मानना है कि अगर इस मुद्दे को प्रभावी तरीके से उठाया जाए, तो यह कांग्रेस के राजनीतिक पुनर्जीवन की वजह बन सकती हैं। राहुल गांधी ने मंदसौर में आयोजित किसान रैली में पहुंचने की जानकारी ट्वीट पर देते हुए लिखा है कि हमारे देश में हर रोज 35 किसान आत्महत्या करते हैं। केंद्र सरकार की नीतियों पर निशाना साधते हुए राहुल ने लिखा है कि कृषि क्षेत्र पर छाए संकट की तरफ केंद्र सरकार का ध्यान ले जाने के लिए किसान भाई दस दिनों का आंदोलन करने पर मजबूर हैं।
इन मुद्दों पर घेरेगी कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पीएम मोदी के कार्यकाल के 4 सालों में किसानों को कोई राहत नहीं मिली है। अब जबकि फसल का सीजन बीत गया है, तो केंद्र सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने का वादा कर रही है। इन्हीं सब मुद्दों पर कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी होकर सरकार पर किसानों की मांगें मानने का दबाव बनाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों की आत्महत्या, कर्ज माफी और सरकार की घोषणा के मुताबिक लागत का 50 फीसदी अधिक समर्थन मूल्य दिलाने आदि को लेकर मोदी सरकार को घेरेगी। आंदोलन के दौरान कांग्रेस, किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए मोदी सरकार की समय सीमा 2022, पर भी निशाना साधना चाहती है। कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पीएम मोदी के 4 साल के कार्यकाल में किसानों को कोई राहत नहीं मिली है। उल्टे, उनकी नीतियों की वजह से किसानों की आर्थिक स्थिति बुरी तरह लड़खड़ा गई है।
Created On :   3 Jun 2018 2:46 PM IST