स्वाइन फ्लू वायरस ने पूरा दुनिया में मौत का ताडंव मचाया है। इस वायरस से दुनियाभर में साल 2019 तक दो लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। स्वाइन फ्लू एच1एन1 साल 2009 में सामने आया था। वर्ष 2010 तक ये पूरी दुनियाभर में फैल गया। स्वाइन फ्लू में मरीज को तेज बुखार, बर्दन दर्द, थकान, जुकाम, सांस लेने में दिक्कत होती है।
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Virus: कोरोनावायरस ही नहीं इन वायरसों ने दुनिया में मचाया मौत का तांडव

हाईलाइट
- कोरोनावायरस से 132 लोगों की मौत
- तिब्बत में वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोनावायरस का प्रकोप लगातार बढ़ते ही जा रहा है। अबतक मरने वालों की संख्या बढ़कर 132 को गई। वायरस की चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या आठ हजार के करीब है। अमेरिका से लेकर भारत तक कोरोनावायरस के कुछ संदिग्ध मामले सामने आए हैं। फिलहाल तिब्बत ही एकमात्र ऐसा प्रांत है, जहां वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है। कोरोनावायरस ही नहीं कई वायरसों ने दुनियाभर में तबाही मचाई है। आइए जानते हैं उन वायरस के बारे में...


साल 1947 में अफ्रीकी विषाणु अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक लंगूर पर रिसर्च की थी। जांच में सामने आया कि लंगूर को बुखार है, जिसमें पाए गए संक्रामक को जिका नाम दिया गया। 1954 में नाइजीरिया में एक व्यक्ति में यह वायरस पाया गया। साल 2007 में अफ्रीका और एशिया के बाहर इसके संदिग्ध मिले। साल 2018 में राजस्थान के जयपुर में जीका वायरस के 25 मामले सामने आए थे। जीका वायरस मच्छर से फैलता है। जीका वायरस संक्रमिक व्यक्ति में थकान, बुखार, आंखे लाल, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द और शरीर पर लाल चकते जैसे लक्षण पाए जाते हैं।

साल 1998 में मलेशिया के सुंगई निपाह गांव में पहली बार निपाह वायरस का मामला सामने आया था। इस गांव के नाम पर वायरस का नाम निपाह रखा गया। सुअर पालने वाले किसान वायरस से संक्रमित मिले थे। विशेषज्ञों के अनुसार वायरस सुअर और चमगादड़ से फैलता है। निपाह वायरस से पीड़ित चमगादड़ अगर किसी फल या सब्जी को खा ले तो उससे फैलता है। निपाह वायरस में मरीज को बहुत तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत, भयानक सिर दर्द और दिमागी बुखार होता है। भारत में साल 2018 में केरल में निपाह वायरस फैला था। केरल में निपाह के 800 से अधिक मामले सामने आए थे। वहीं 20 लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी।

इबोला वायरस का नाम कागों की सहायक नदीं इबोला से पड़ा है। यह वायरस सबसे पहले अफ्रीका में पाया गया था। इबोला वायरस संक्रमित जानवरों के काटने या खाने से लोगों में फैलता है। पीड़ित रोगी के शरीर से निकलने वाले पसीना और खून से भी इबोला वायरस फैलता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस वायरस से दुनियाभर में दस हजार लोगों की मौत हो चुकी है।
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।