- दिल्ली: संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। सिंघू बॉर्डर से किसानों की ट्रैक्टर रैली यहां पहुंची थी।
- बैरीकेड हटा कर, युवा किसानों ने किया दिल्ली में प्रवेश, देश में पहली बार गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड
- पेट्रोल, डीजल के दाम में बड़ी वृद्धि, दिल्ली में 86 रुपए लीटर हुआ पेट्रोल, मध्यप्रदेश में 94 रुपए लीटर
- 7 महीनों में भारत में कोविड के सबसे कम 9 हजार मामले दर्ज
- यूपी: नई आबकारी नीति 1 अप्रैल से होगी लागू, घर में रख सकेंगे शराब की 12 बोतल
40 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में कॉक्स एंड किंग्स की जांच शुरू

कोलकाता, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। कोलकाता पुलिस ने टूर ऑपरेटर कॉक्स एंड किंग्स (इंडिया) के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन के मामले की जांच शुरू कर दी है। कॉक्स एंड किंग्स (इंडिया) के खिलाफ कथित तौर पर लगभग 75 लोगों से विदेशी टूर के बहाने 40 करोड़ रुपये जुटाने का आरोप है।
एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि इस ऑपरेटर ने लोगों को विदेशी टूर कराने के लिए रुपये लिए मगर उन्हें टूर नहीं कराया गया और न ही उनकी बुकिंग राशि वापस की गई।
खबरों के अनुसार, कंपनी ने कथित रूप से अपने 6-रसेल स्ट्रीट कार्यालय को बंद कर दिया है और विदेशी टूर कराने के लिए असमर्थता की सूचना भी दी है। ऐसी भी रिपोर्ट आई है कि कंपनी ने अपने दो हजार कर्मचारियों को उनका तीन महीने का बकाया वेतन देने में असमर्थता जताते हुए उन्हें इस्तीफा देने को कहा है।
कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) मुरलीधर शर्मा ने बताया कि कैमेलिया दत्ता और अन्य द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के आधार पर कॉक्स एंड किंग्स (इंडिया) लिमिटेड कंपनी के निदेशकों और प्रमोटरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
अधिकारी ने कहा कि कंपनी के खिलाफ शेक्सपियर सरणी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने की शिकायत दर्ज की गई थी।
शिकायतकर्ताओं ने कंपनी पर विभिन्न बाहरी देशों का टूर कराने के बहाने बुकिंग की रकम में 7.50 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने का आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा, पूछताछ से पता चला है कि कंपनी ने अपनी प्रतिष्ठा के आधार पर विभिन्न देशों में पर्यटन के तौर पर लगभग 75 शिकायतकर्ताओं से 40 करोड़ रुपये की बड़ी राशि एकत्र की है। लेकिन न तो कंपनी ने अपना वादा पूरा किया और न ही बुकिंग के पैसे वापस किए।
अधिकारी ने बताया कि कोलकाता पुलिस का जासूसी विभाग इस मामले की जांच कर रहा है।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।