एनसीबी को चार्जशीट दाखिल करने के लिए 2 महीने का समय मिला

Cruise ship drug raid: NCB gets 2 months to file chargesheet
एनसीबी को चार्जशीट दाखिल करने के लिए 2 महीने का समय मिला
क्रूज शिप ड्रग छापा एनसीबी को चार्जशीट दाखिल करने के लिए 2 महीने का समय मिला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। यहां की एक विशेष एनडीपीएस अदालत ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर सनसनीखेज छापेमारी में चार्जशीट दाखिल करने के लिए दो महीने का समय दिया, जिसमें बॉलीवुड मेगा-स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और अन्य सेलेब्स आरोपी हैं।

विशेष एनडीपीएस न्यायाधीश वी.वी. पाटिल ने विशेष लोक अभियोजक अद्वैत सेठना की याचिका को स्वीकार कर लिया कि चार्जशीट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगने के कुछ अनिवार्य कारण थे।

इनमें अभियुक्तों द्वारा अपना पासवर्ड प्रकट करने में असहयोग, एक गवाह के.पी. गोसावी, (जो खुद भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का आरोपी है और वर्तमान में पुणे पुलिस की हिरासत में है) और 15 संदिग्धों के बयान दर्ज करने का समय है।

सेठना ने आगे तर्क दिया कि चूंकि एनसीबी आवेदन छापे के बाद 180 दिनों की अवधि के भीतर दायर किया गया है, इसलिए आरोपी (दो, जो हिरासत में रहते हैं) बाद में आदेश आने पर भी डिफॉल्ट जमानत के हकदार नहीं होंगे।

बता दें कि 2 अक्टूबर, 2021 को, तत्कालीन मुंबई क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के नेतृत्व में एनसीबी के अधिकारियों ने मुंबई बंदरगाह से कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर झपट्टा मारा था और आर्यन खान और अन्य सेलेब्स सहित आधा दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया था।

बाद में, 3 अक्टूबर को, एनसीबी ने आर्यन खान को गिरफ्तार कर लिया, हालांकि उसके पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ, उसके दोस्त अरबाज मर्चेंट, मुनमुन धमेचा और मेहमानों और ड्रग पेडलर्स सहित अन्य 17 लोगों को भी पकड़ा गया।

चार हफ्ते बाद, 28 अक्टूबर को, बॉम्बे हाई कोर्ट ने आर्यन खान को यह कहते हुए जमानत दे दी कि यह दिखाने के लिए कोई प्रथम ²ष्टया सबूत नहीं है कि उन्होंने और मर्चेंट ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत अपराध करने की साजिश रची थी।

इसके बाद, मंत्री नवाब मलिक (जिन्हें फरवरी में ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था) ने कथित फर्जी छापे पर सवाल उठाते हुए एक सीरियल का पर्दाफाश किया था, जिसका उद्देश्य प्रचार और धन उगाही करना था। साथ ही वानखेड़े के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया।

एनसीबी को तब और शमिर्ंदगी उठानी पड़ी जब एक गवाह प्रभाकर सेल ने एक अन्य गवाह किरण गोसावी, छापे के दौरान मौजूद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं आदि से जबरन वसूली और भुगतान के सनसनखेज आरोप लगाए।

इन घटनाक्रमों के बाद, मामले को एनसीबी दिल्ली के विशेष जांच दल ने अपने हाथ में ले लिया, जो वर्तमान में जांच कर रहा है।

आईएएनएस

Created On :   31 March 2022 9:00 PM IST

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