मुकदमे में फंसे अफसरों पर सीवीसी सख्त, रिटायरमेंट से 30 दिन पहले मंत्रालयों को देनी होगी फाइल (एक्सक्लूसिव)

CVC strict on officers caught in the case, ministries will have to file 30 days before retirement (exclusive)
मुकदमे में फंसे अफसरों पर सीवीसी सख्त, रिटायरमेंट से 30 दिन पहले मंत्रालयों को देनी होगी फाइल (एक्सक्लूसिव)
मुकदमे में फंसे अफसरों पर सीवीसी सख्त, रिटायरमेंट से 30 दिन पहले मंत्रालयों को देनी होगी फाइल (एक्सक्लूसिव)
हाईलाइट
  • मुकदमे में फंसे अफसरों पर सीवीसी सख्त
  • रिटायरमेंट से 30 दिन पहले मंत्रालयों को देनी होगी फाइल (एक्सक्लूसिव)

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर(आईएएनएस)। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत केंद्रीय सतर्कता आयोग(सीवीसी) ने उन अफसरों पर सख्ती बरती है, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार से लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही है। अब नई व्यवस्था के तहत सभी मंत्रालयों को रिटायरमेंट से कम से कम 30 दिन पहले मुकदमे में फंसे अफसरों की फाइल सीवीसी की टेबल पर पेश करनी होगी। ताकि रिटायरमेंट से पहले ऐसे अफसरों के खिलाफ उचित कार्रवाई हो सके।

आईएएनएस के पास सीवीसी के डायरेक्टर जे विनोद कुमार का एक अक्टूबर को जारी वह पत्र है, जिसे उन्होंने सभी मंत्रालयों के सचिवों और सतर्कता आयुक्तों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। पत्र में सेवानिवृत्त होने के करीब पहुंचे सरकारी अफसरों के खिलाफ चल रहे अनुशासनात्मक कार्रवाई के जल्द से जल्द निपटारे पर जोर दिया गया है। इस पत्र में कहा गया है कि बीते 12 मई 2020 को सीवीसी की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया था कि रिटायरमेंट से जुड़े मामले हर महीने की दस तारीख को शाम पांच बजे तक केंद्रीय सतर्कता आयोग(सीवीसी) में उपलब्ध कराए जाएं। लेकिन, अब नई व्यवस्था के तहत रिटायरमेंट की तिथि से 30 दिन पहले अफसरों के मामले को सीवीसी के सामने पेश करना अनिवार्य होगा।

आयोग ने पत्र में उदाहरण देते हुए कहा है, अगर कोई अफसर 30 नवंबर को रिटायर हो रहा है तो फिर उसके खिलाफ हुई, जांच आदि कार्रवाई से जुड़ी रिपोर्ट कम से कम 30 दिन पहले यानी 31 अक्टूबर तक उपलब्ध हो जानी चाहिए। ताकि केंद्रीय सतर्कता आयोग संबंधित अफसर के मामले में समय से अपना सुझाव दे सके।

केंद्रीय सतर्कता आयोग ने यह पत्र सभी मंत्रालयों के सचिवों, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग(पीएसयू) सहित सभी सरकारी विभागों और संस्थानों को भेजा है। केंद्रीय सतर्कता आयोग ने सभी मंत्रालयों के विजिलेंस अफसरों को भी इसको लेकर सख्त निर्देश दिए हैं।

सूत्रों का कहना है कि निर्देश के बावजूद कई बार मंत्रालयों से संबंधित अफसरों के केस की फाइल देरी से सीवीसी को मिलती थी। रिटायरमेंट वाले तमाम अफसरों की फाइल हर महीने की दस तारीख की निर्धारित तिथि के बाद मिलती थी। जिसके कारण संबंधित अफसर के मामले में केंद्रीय सतर्कता आयोग की सलाह शामिल नहीं हो पाती थी। जिससे अफसर रिटायर हो जाते थे और उनके खिलाफ मामलों का सही से निस्तारण नहीं हो पाता था।

दरअसल, अफसरों को सेवानिवृत्त के तुरंत बाद पेंशन आदि लाभ मिलते हैं। ऐसे में उनके खिलाफ मामलों का निस्तारण होना जरूरी होता है। लिहाजा आयोग ने अब एक महीने पहले ऐसी फाइल तलब करने का निर्णय लिया है।

एनएनएम/एएनएम

Created On :   2 Oct 2020 7:30 PM IST

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