CVC देखेगा नोटबंदी के बाद किस केंद्रीय कर्मचारी ने जमा किेए कितने रुपए

CVC to inquire into cash deposits made by government employees after demonatization
CVC देखेगा नोटबंदी के बाद किस केंद्रीय कर्मचारी ने जमा किेए कितने रुपए
CVC देखेगा नोटबंदी के बाद किस केंद्रीय कर्मचारी ने जमा किेए कितने रुपए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) प्रमुख केवी चौधरी ने बताया सीवीसी नोटबंदी के दौरान केंद्र सरकार के कर्मचारियों द्वारा जमा कराये गये नोटों की जांच करेगा। केंद्रीय सतर्कता आयोग ने इस संबंध में आयकर अधिकारियों से जानकारी मांगी है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया हमने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से आंकड़े मांगे हैं। आंकड़े मिलने के बाद ही हमारी जांच आगे बढ़ पाएगी।

चौधरी ने बताया वह इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने को लेकर विभिन्न कर प्राधिकरणों से भी बातचीत कर चुके हैं। नोटबंदी के दौरान पूरे देश में बहुत अधिक संख्या में नोट जमा कराए गए हैं। इस लिए जांच के तरीके पर कर प्राधिकरणों से भी चर्चा जरूरी थी। उन्होंने बताया कि इस मामले में हम लगातार सीबीडीटी के संपर्क में हैं।
 
केवी चौधरी ने कहा यह पता लगाना हमारे लिए एक चुनौती की तरह है कि केंद्रीय कर्मचारियों द्वारा जमा की गई नकदी उनकी आय के अनुसार है या नहीं। चूंकि सीबीडीटी पहले से ही कर्मचारियों के लेनदेन पर नजर रख रहा है, इस लिए हमने उसकी सहायता लेने की सोची। हमें अब तक आंकड़े नहीं मिल पाए हैं। उन्होंने कहा जैसे ही आंकड़े मिलेंगे, हम इस जांच को आगे बढ़ाएंगे। 

उन्होंने कहा कि हमें सीबीडीटी से सटीक आंकड़े मिलने की उम्मीद है। आकलन के तौर-तरीकों पर चर्चा के लिए हमने उनके साथ कई दौर की बातचीत की है। प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अधिकारी सहयोग कर रहे हैं। उनके साथ बातचीत में कई तरीके सामने आए हैं, जिसकी सहायता से लोगों की वित्तीय जानकारी एकत्र करने में कठिनाई नहीं होगी। 

चौधरी ने कहा कि सीबीडीटी द्वारा उठाये जा रहे कदम में कार्यक्रम तैयार करने, उन्हें लागू करने और उनसे सही परिणाम हासिल करने की जरूरत है। उन्होंने बताया आयोग के न्यायाधिकार के अंतर्गत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों तथा सार्वजनिक कंपनियों के कर्मचारियों के मामलों की जांच की जाएगी। सीवीसी ने अपने न्यायाधिकार में कर्मचारियों की दो श्रेणियों ग्रुप ए और ग्रुप बी के अधिकारियों को विशेष रूप से चुना है। चौधरी ने कहा जो लोग आयोग के न्यायाधिकार में नहीं आते लेकिन उनके द्वारा जमा कराई गई रकम सीमा से अधिक रही हो, उनके मामले हम अपने मुख्य जांच अधिकारियों को सौंप देंगे, ताकि उनके खिलाफ जरूरी एक्शन लिए जा सकें। 

कर्मचारियों के बैंक खातों की जांच के प्रस्ताव के कारणों के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा इनमें कुछ गलत जमा भी हो सकते हैं लेकिन विशिष्ट लोगों और उनके संस्थान के बारे में अभी जानकारी नहीं है। सीबीडीटी नोटबंदी के दौरान संदिग्ध राशि जमा कराने के मामलों जांच कर रहा है। हम उसकी जांच के दौरान सामने आए आंकड़ों को जुटा रहे हैं। इन प्रसंस्कृत आंकड़ों के आधार पर ही आगे कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया अपने अधिकार क्षेत्र में हम फाइनेंसियल इंटेलीजेंस यूनिट (एफआईयू) द्वारा प्रदत्त संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट पर भी गौर कर रहे हैं। आईएफयू से दस लाख रुपए से अधिक के लेनदेने वाले उन संदिग्घ खातों की जानकारी देने को कहा गया है, जिनके पीछे काले धन या किसी ओर गड़बड़ी की आशंका हो। 

  • नोटबंदी के दौरान 160 करोड़ रूपए की रकम एक्सिस बैंक की दो ब्रांचों में फर्जी खातों में जमा की गई। इस पर सीवीसी की नजर है। 
  • पिछले दो सालों में जन धन योजना में जमा किए 45000 करोड़ की तुलना में नोटबंदी के केवल दो सप्ताहों में ही 27000 करोड़ रुपए जमा कर दिए गए। 
  • 30 अगस्त की रिजर्व वैंक की रिपोर्ट के अनुसार 99 फीसदी या 15.28 लाख करोड़ रूपए के प्रचलन से बाहर गए नोट बैंकों में कराए गए हैं जमा।
  • 16050 करोड़ रुपए यानी केवल एक फीसदी नोट डिमानिटाइजेशन के दौर में नहीं वापस लौटे थे भारतीय रिजर्व बैंक के पास। 

Created On :   17 Sept 2017 7:01 PM IST

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