क्लीनिक छोड़कर भागे झोलाछाप डॉक्टर, 'भास्कर' की मुहिम का असर

Dainik Bhaskars campaign effect, leave clinic and ran away JHOLACHAP
क्लीनिक छोड़कर भागे झोलाछाप डॉक्टर, 'भास्कर' की मुहिम का असर
क्लीनिक छोड़कर भागे झोलाछाप डॉक्टर, 'भास्कर' की मुहिम का असर

डिजिटल डेस्क, कटनी। खुलेआम मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे झोलाछाप डॉक्टरों पर लगाम लगाने के लिए दैनिक 'भास्कर' द्वारा छेड़ी गई मुहिम का जिले में सकारात्मक असर देखने मिल रहा है। अब तक झोलाछाप डॉक्टरों को संरक्षण देने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अवैध दवाखानों में छापा मारकर, नीम हकीमों पर कार्रवाई करते नजर आ रहे हैं। शहर में बड़े स्तर पर कार्रवाई के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दस्तक देना शुरू कर दी है।


CLINIC छोड़कर भागे झोलाछाप

सोमवार को CHMO डॉ. अशोक अवधिया के निर्देश पर नर्सिंग होम एक्ट के तहत छापामार कार्रवाई विजयराघवगढ़ में की गई। DIC डॉ. समीर सिंघई, BMO विजयराघवगढ़ डॉ. विनोद, मलेरिया निरीक्षक पीके महार, अमित नामदेव आदि द्वारा विजयराघवगढ़ में तीन अवैध दवाखानों में छापा मारा गया। सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम विकास CLINIC पहुंची, जहां BEMS डॉ. सुदीप मिश्रा द्वारा बिना रजिस्ट्रेशन के अवैध रूप से CLINIC का संचालन पाए जाने पर, उन्हें नोटिस जारी कर CLINIC बंद करने निर्देश दिए।

इसी तरह साहू मेडिकल के ऊपर अशोक साहू द्वारा चलाए जा रहे अवैध दवाखाने में पहुंचकर, स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा CLINIC संबंधी दस्तावेज तलब किए गए। अशोक साहू के पास न तो डॉक्टर की कोई डिग्री मिली और न ही CLINIC संबंधी दस्तावेज। जिस पर उन्हें भी अवैध दवाखाना बंद करने नोटिस जारी किया गया। वहीं जैसे ही स्वास्थ्य विभाग की टीम आशीर्वाद CLINIC पहुंची तो टीम को देखते ही एसके विश्वास CLINIC छोड़कर भाग खड़े हुए। जिस पर टीम द्वारा उनकी पत्नी को क्लनिक बंद करने का नोटिस थमाया गया। इसके अलावा अनुपम डेंटल CLINIC का संचालक टीम को देखते ही ताला जड़ भाग खड़ा हुआ। इसके अलावा मेडिकल टीम द्वारा क्षेत्र में संचालित कई अन्य दवाखानों व अस्पतालों का निरीक्षण कर दस्तावेज की जांच की।

अपनी पद्धति की दवा का नाम नहीं बता पाए डॉक्टर

जिले में इलेक्ट्रो होम्यापैथी के चिकित्सकों को लेकर दोहरा मापदण्ड अपनाए जाने का खुलासा दैनिक भास्कर में किए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम कार्रवाई करने जब डॉक्टर सुदीप मिश्रा के विकास CLINIC पहुंची, तो उसके द्वारा अपनी डिग्री का हवाला देते हुए CLINIC का रजिस्ट्रेशन किए जाने की बात टीम से कही। जिस पर टीम द्वारा उन्हें जानकारी दी गई कि राज्य में इलेक्ट्रो होम्योपैथी पद्धति को मेडिकल काउंसिल द्वारा मान्यता नहीं दी गई है। इसके बाद भी टीम प्रभारी डॉ. सिंघई द्वारा जब इलेक्ट्रो होम्यापैथी डॉ. मिश्रा से उनकी पद्धति की 10 दवाओं का नाम पूछा गया तो वे एक भी दवा का नाम नहीं बता पाए।

 

Created On :   24 July 2017 11:24 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story