SC/ST एक्ट : पीएम से मिले दलित मंत्री, पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी सरकार

Dalit Ministers meet PM Modi Govt to file review petition against dilution of SC-ST Act
SC/ST एक्ट : पीएम से मिले दलित मंत्री, पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी सरकार
SC/ST एक्ट : पीएम से मिले दलित मंत्री, पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी सरकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में SC/ST एक्ट में बदलाव को लेकर दिए गए फैसले के खिलाफ सरकार जल्द ही पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी। इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने मंगलवार को दी। दरअसल, मंगलवार मोदी सरकार में दलित मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी SC/ST एक्ट में बदलाव को लेकर मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद पासवान ने बताया कि पीएम मोदी ने हमारी बातों और चिंताओं को अच्छे से सुना। वहीं बुधवार शाम को कानून मंत्रालय ने भी पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की मांग को मंजूरी भी दे दी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST एक्ट में बदलाव करते हुए तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।


फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन फाइल करेगी सरकार

केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मीडिया को बताया कि "SC/ST एक्ट में बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिए फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उन्होंने हमारी बातों और चिंताओं को सुना।" उन्होंने बताया कि "हमने पीएम मोदी से SC/ST के लोगों को प्राइवेट सेक्टर में जॉब और पब्लिक सेक्टर में प्रमोशन में आरक्षण दिए जाने की भी मांग की।" उन्होंने बताया कि "सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार जल्द ही पुनर्विचार याचिका (रिव्यू पिटीशन) फाइल करेगी।" राम विलास पासवान के साथ थावरचंद गहलोत, रामदास अठावले, अर्जुन राम मेघवाल, अजय टम्टा और विजय संपला समेत कई मंत्री मौजूद रहे।

राहुल गांधी समेत विपक्षी नेताओं ने की राष्ट्रपति से मुलाकात

दूसरी तरफ बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भी इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। मीटिंग के बाद राहुल ने बताया कि  "हमने राष्ट्रपति जी से SC/ST कानून को लेकर मुलाकात की। दलितों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं और कानून को कमजोर किया जा रहा है। राष्ट्रपति जी काफी सकारात्मक और मददगार थे।"

SC/ST एक्ट के तहत नहीं हो सकेगी तत्काल गिरफ्तारी, अग्रिम जमानत भी मिलेगी

सरकार ने इस मुद्दे पर कोई पैरवी नहीं की : कांग्रेस 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस के सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद ने इस मुद्दे को राज्यसभा में भी उठाया था। आजाद ने कहा था कि "अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को अब तक के तहत सुरक्षा मिलती रही है जो इस वर्ग के लिए बहुत ही जरूरी है। लेकिन सरकार ने इस मुद्दे पर कोर्ट में कोई पैरवी ही नहीं की।" वहीं कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी कहा था कि "SC/ST एक्ट में बदलाव करके मोदी सरकार इस कानून को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। बीजेपी का गरीब और दलित विरोधी चेहरा आखिरकार सामने आ ही गया।" सुरजेवाला ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया था।

SC/ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया फैसला?

एक सरकारी अफसर की पिटीशन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए SC/ST एक्ट के तहत दर्ज किए गए केस में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इसके अलावा कोर्ट ने इस एक्ट के तहत दर्ज हुए केसों में अग्रिम जमानत की मंजूरी भी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके गोयल और जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने के गलत इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए कहा कि इस एक्ट के तहत दर्ज होने वाले केसों में किसी आरोपी को तत्काल गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही ऐसे केसों में अग्रिम जमानत का प्रावधान कर दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में पुलिस को 7 दिन के अंदर अपनी जांच पूरी करनी होगी और फिर कोई एक्शन लेना होगा। बेंच ने कहा कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ इस एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाता है, तो पहले DSP उसकी जांच करेंगे और फिर कोई एक्शन लेंगे। वहीं अगर किसी गैर-सरकारी कर्मचारी के खिलाफ केस होता है तो उसके लिए SSP की तरफ से एप्रूवल लेना जरूरी है। इसके साथ ही बेंच ने कुछ गाइडलाइंस भी तय की हैं, जिनको पालन करने का आदेश सभी मजिस्ट्रेट को दिया गया है।

Created On :   29 March 2018 8:23 AM IST

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