मानहानि के मामले की जल्द सुनवाई पर सवाल उठाया तो AK को मिली हाईकोर्ट की फटकार

Defamation case: High Court raps Delhi CM for questioning speedy trial
मानहानि के मामले की जल्द सुनवाई पर सवाल उठाया तो AK को मिली हाईकोर्ट की फटकार
मानहानि के मामले की जल्द सुनवाई पर सवाल उठाया तो AK को मिली हाईकोर्ट की फटकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दायर मानहानि के मामले की जल्द सुनवाई करने के कोर्ट के निर्देश पर सवाल उठाने से नाराज दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केजरीवाल को जमकर फटकार लगाई।

कार्यवाहक चीफ जस्टिस गीला मित्तल और जस्टिस सी हरि शकर ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता आशुतोष से कहा, ‘हम किसी मामले की सुनवाई में देरी के लिए सुपीम कोर्ट को जवाबदेह हैं।’ बेंच ने यह भी कहा, "हम त्वरित ढंग से सुनवाई कराने के लिए कर्तव्यबद्ध हैं। त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए किसी एक जज को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।" यह बात अदालत में दायर किए जा रहे हर मामले पर लागू होती है। इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए पीठ ने कहा, "हम पहली बार सुन रहे हैं कि एक पक्ष त्वरित सुनवाई से दुखी है, क्योंकि यह खत्म हो जाएगा।" 

कोर्ट ने इससे पहले 26 जुलाई को ज्वॉइंट रजिस्ट्रार को आदेश दिया था कि वह दीवानी मानहानि के इस मामले में सुबूतों को दर्ज करने की प्रक्रिया को तेज करे। सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट अनूप जॉर्ज चौधरी ने कहा कि जब संयुक्त पंजीयक की कोर्ट में सुबूतों को दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही हो जो कोई भी जज उस प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। बेंच ने चौधरी से पूछा,‘आप अपने मुवक्किल को सलाह दें कि वे ऐसी अपील दायर करने के बजाय मामले को उसके उसके अंजाम तक पहुंचने दें।’

जेटली का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी और राजीव नायर ने अपील का विरोध करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य मामले को लटकाना है। केजरीवाल के अलावा इस मामले में आम आदमी पार्टी से जुड़े अन्य पांच आरोपी नेता हैं- राघव चड्ढा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक बाजपेई। इन लोगों ने जेटली पर आरोप लगाया था कि वर्ष 2000 से 2013 तक डीडीसीए का अध्यक्ष रहने के दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार किया था। 
 

Created On :   25 Aug 2017 12:10 PM GMT

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