भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव से बढ़ा देश का रक्षा बजट, मंत्रालय ने मांगे अतिरिक्त 20 हजार करोड़

defence ministry wants 20000 crore extra budget for battle ready china
भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव से बढ़ा देश का रक्षा बजट, मंत्रालय ने मांगे अतिरिक्त 20 हजार करोड़
भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव से बढ़ा देश का रक्षा बजट, मंत्रालय ने मांगे अतिरिक्त 20 हजार करोड़

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। चीन और भारत के बीच चल रहे सीमा तनाव के कारण रक्षा मंत्रालय ने केंद्र सरकार से युद्ध के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट की मांग की है। 2017 में केंद्र की ओर से 2,74,113 करोड़ रुपए का रक्षा बजट पेश किया गया था, जो GDP का 1.62 प्रतिशत था। वहीं ये बजट पिछले साल से मात्र 6 प्रतिशत ज्यादा था। 

रक्षामंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार बजट का आधा हिस्सा उन्हें मिल चुका है, जिसमें से एक तिहाई खर्च भी हो चुका है। गौरतलब है कि कुछ हफ्ते पहले ही रक्षा मंत्रालय ने सेना के उप-प्रमुख को युद्ध से जुड़े हथियारों को खरीदने को कहा था। सेना को किसी भी समय कम से कम 10 दिन के युद्ध के लिए तैयार रहना होता है। 

2017 की शुरुआत में ही सेना के सामानों के आयात पर से कस्टम ड्यूटी को हटा दिया गया था। कस्टम ड्यूटी की वजह से सेना को काफी पैसा खर्च करना पड़ता था साथ ही इस फैसले को इसलिए भी लिया गया था, ताकि स्वदेशी सामानों और हथियारों का इस्तेमाल बढ़ सके। हाल ही में CAG की रिपोर्ट में बताया था कि युद्ध शुरू होने की स्थिति में सेना के पास महज 10 दिन का ही  पर्याप्त गोला-बारूद है। साथ ही उसमें ये भी बताया गया था कि कुल 152 तरह के गोला-बारूद में से महज 31 का ही स्टॉक संतोषजनक है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि भारतीय सेना के पास कम से कम  20 दिनों के युद्ध करने के हथियार होने चाहिए थे। हालांकि इससे पहले सेना को 40 दिनों के युद्ध लड़ने लायक गोला-बारूद अपने वॉर वेस्टेज रिजर्व (WWR) में रखना होता था, जिसे 1999 में घटा कर 20 दिन कर दिया गया था। ऐसे में कैग की यह रिपोर्ट गोलाबारूद की भारी कमी उजागर करती है।

Created On :   9 Aug 2017 4:47 AM GMT

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