सीलिंग विवाद : CM केजरीवाल 'भूख हड़ताल' से पीछे हटे, व्यापारियों ने मांगा इस्तीफा

Delhi CM Arvind Kejriwal backs out of hunger strike on Sealing issue
सीलिंग विवाद : CM केजरीवाल 'भूख हड़ताल' से पीछे हटे, व्यापारियों ने मांगा इस्तीफा
सीलिंग विवाद : CM केजरीवाल 'भूख हड़ताल' से पीछे हटे, व्यापारियों ने मांगा इस्तीफा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीलिंग विवाद को लेकर 1 अप्रैल से "भूख हड़ताल" पर व्यापारियों के साथ बैठने वाले थे, जिसे उन्होंने टाल दिया है। इससे पहले केजरीवाल सीलिंग विवाद को लेकर तीन बार भूख हड़ताल करने की बात कह चुके हैं। आखिरी बार उन्होंने 9 मार्च को एक रैली में कहा था कि अगर 31 मार्च तक सीलिंग विवाद का हल नहीं निकला, तो वो 1 अप्रैल से व्यापारियों के साथ भूख हड़ताल पर बैठेंगे। अब लेकिन केजरीवाल ने भूख हड़ताल का फैसला टाल दिया है, जिसके बाद व्यापारियों के एक संगठन ने इस्तीफे की मांग की है। वहीं आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे की सुनवाई का हवाला दिया है।

पार्टी ने सफाई में क्या कहा?

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के भूख हड़ताल पर न जाने के फैसले पर आम आदमी पार्टी के दिल्ली के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने सफाई देते हुए मीडिया को बताया कि "सुप्रीम कोर्ट सीलिंग मुद्दे पर 2 अप्रैल से रोजाना सुनवाई करने जा रहा है, इसलिए सीएम ने अपने फैसले को कुछ वक्त के लिए टाल दिया है।" उन्होंने बताया कि "कई ट्र्रेड एसोसिएशंस और वकीलों की तरफ से सीएम को एडवाइज दी गई है कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है और इस पर रोजाना सुनवाई होने वाली है। ऐसे में उनकी भूख हड़ताल कोर्ट की अवमानना जैसे होगी। इसके साथ ही इससे कोर्ट के फैसले पर भी असर हो सकता है।" भारद्वाज ने ये भी बताया कि सीलिंग मुद्दे पर सुनवाई के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से दो सीनियर एडवोकेट्स को भी अपॉइंट किया गया है। 

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सीएम ने विश्वासघात किया : CAIT

 

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के जनरल सेक्रेटरी प्रवीण खंडेलवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "सीलिंग के खिलाफ सीएम अरविंद केजरीवाल अनशन करने वाले थे, लेकिन इसे टालकर उन्होंने दिल्ली के व्यापारियों के साथ विश्वासघाट किया है।" उन्होंने कहा "व्यापारियों और उनके यहां काम करने वाले कर्मचारियों की रोजी-रोटी से जुड़े इस गंभीर मुद्दे के साथ सीएम केजरीवाल ने राजनीति की है और उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। सीएम केजरीवाल का भूख हड़ताल को टालना ये बात साबित करता है कि उन्हें व्यापारियों से कोई लेना-देना नहीं है।" उन्होंने सीएम केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की है।

 



आप ने दिल्ली के साथ धोखा किया : बीजेपी

वहीं इस पूरे मामले के बाद दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सीएम केजरीवाल पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया "अरविंद केजरीवाल का एक और यू-टर्न। अब कल से कोई भूख हड़ताल नहीं होगी, लेकिन ये कोई नया नहीं है। उनका पूरा पॉलिटिकल करियर लोगों की उम्मीदों को बढ़ाने और फिर उसे दूसरी दिशा में ले जाने पर ही आधारित है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली वालों और व्यापारियों के साथ एक बार फिर धोखा किया।"

 

 



 

सीएम केजरीवाल ने 9 मार्च को क्या कहा था?

इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 9 मार्च को कहा था कि अगर 31 मार्च तक सीलिंग विवाद का हल नहीं निकला तो वो खुद व्यापारियों के साथ भूख हड़ताल पर बैठेंगे। मीडिया से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा कि "पिछले 3 महीने से दिल्ली में सीलिंग चल रही है, व्यापारी परेशान हो रहे हैं। हालांकि किसी के पास भी व्यापारियों को इस समस्या का समाधान नहीं है। हमने समाधान निकालने के लिए मास्टर प्लान में संशोधन किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। अब इसका समाधान केवल बिल पास करके ही किया जा सकता है।"

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क्या है सीलिंग विवाद?

साल 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने अवैध निर्माण को रोकने के लिए सीलिंग करने के आदेश दिए थे। इसके बाद दुकानों या कमर्शियल प्रॉपर्टी को सीलिंग से बचाने के लिए सरकार ने कन्वर्जन चार्ज देने का प्रावधान किया था। व्यापारियों और कारोबारियों ने कन्वर्जन चार्ज देने में भी लापरवाही दिखाई। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी दुकानों या कमर्शियल प्रॉपर्टीज को सील करने का आदेश दे दिया और इसके लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाई। जिसकी देखरेख में ऐसी दुकानों को सील करने की कार्रवाई की जा रही है।

Created On :   31 March 2018 1:14 PM IST

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