दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण, सरकार फिर लाएगी 'ऑड-इवन फॉर्मूला'

Delhi government may be approved Odd even scheme due to pollution
दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण, सरकार फिर लाएगी 'ऑड-इवन फॉर्मूला'
दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण, सरकार फिर लाएगी 'ऑड-इवन फॉर्मूला'

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों बढ़ते प्रदूषण की जकड़ में बुरी तरह से आ चुकी है। लगातार बढ़ते प्रदूषण की समस्या को देखते हुए दिल्ली सरकार ने राजधानी में एक बार फिर ऑड-इवन फॉर्मूला लागू करने की योजना बनाई है। केजरीवाल सरकार ने इसके लिए दिल्ली ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन (DTC) और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अफसरों को लेटर लिखा है। इस योजना को लेकर दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने भी अपनी सहमति प्रदान कर दी है। उनका कहना है कि सरकार इस फॉर्मूले को जल्द ही लागू कर सकती है।

 

कैलाश गहलोत ने कहा है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण का स्तर बढ़ने के मद्देनजर सड़कों पर कारों की संख्या को प्रतिबंधित करने के लिए ऑड-इवन योजना को फिर से लागू कर सकती है। गहलोत ने लेटर लिखकर DTC और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अफसरों से कहा कि बढ़ते पॉल्यूशन लेवल को देखते हुए आम आदमी पार्टी सरकार कुछ आपातकालीन फैसले ले रही है। ऑड-ईवन भी इसमें शामिल है। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली जाएं, ताकि इसे जल्द शुरू किया जा सके।

 

बुधवार को मंत्री ने अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा कि जब कभी ऑड-इवन की घोषणा की जाती है, वे इसे लागू करने के लिए ‘पूरी तरह तैयार’ रहें। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ सरकार को ऑड-इवन योजना समेत आपात कदम उठाने होंगे।’

 

ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) को लागू करने का अधिकार रखने वाले इन्वायरमेंट पॉल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी (EPCA) ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह आवश्यकता पड़ने पर ‘ऑड-इवन’ योजना लागू करने, कारों को सड़कों पर नहीं चलने का आदेश देने और स्कूलों को बंद करने का आदेश देने से हिचकेगा नहीं।

 

GRAP को नवंबर 2016 में कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र ने इस साल जनवरी में अधिसूचित किया था। गहलोत ने कहा कि ऑड-इवन योजना लागू होने पर तैयारी का ‘मुख्य घटक’ DTC द्वारा अतिरिक्त बसों की खरीदारी होगी। योजना को लागू करने में सबसे बड़ी चुनौती अच्छी तरह विकसित दिल्ली मेट्रो नेटवर्क के अलावा सार्वजनिक परिवहन की खराब सुविधाएं है। बता दें कि DTC के पास 4000 बसें है जबकि दिल्ली इंटीग्रेटिड मल्टीमोडल ट्रांजिट सिस्टम 1,600 बसें चलाता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि शहर के सभी इलाकों में चलाने के लिए करीब 11,000 बसों की आवश्यकता है।

 

गौरतलब है कि इससे पहले भी वाहनों की पंजीकरण संख्या के आखिरी अंक पर आधारित यह फॉर्मूला दिल्ली में लागू हो चुका है। यह योजना वर्ष 2016 में दो बार-एक जनवरी से 15 जनवरी और फिर 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक लागू की गई थी। इस योजना के तहत सम और विषम संख्या वाले वाहन सम विषम तारीखों वाले दिनों में सड़कों पर चलते हैं। वायु प्रदूषण स्तर के 48 घंटे या इससे अधिक समय के लिए ‘आपात’ श्रेणी में रहने पर इसे लागू किया जा सकता है।

Created On :   26 Oct 2017 5:02 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story