दिल्ली हाईकोर्ट ने मरकज के और मामले साकेत कोर्ट को सौंपने के निर्देश दिए

Delhi High Court directed to hand over more cases of Markaz to Saket Court
दिल्ली हाईकोर्ट ने मरकज के और मामले साकेत कोर्ट को सौंपने के निर्देश दिए
दिल्ली हाईकोर्ट ने मरकज के और मामले साकेत कोर्ट को सौंपने के निर्देश दिए

नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने तबलीगी जमात से जुड़े निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने के मामले में नामजद विदेशी नागरिकों से संबंधित और मामले साकेत कोर्ट को सौंपने के निर्देश दिए हैं।

21 अगस्त के आदेश में, न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंबानी ने अभियोजन पक्ष को आदेश दिया कि इस तरह के विदेशी नागरिकों के खिलाफ विभिन्न एफआईआर के संबंध में दाखिल आरोपपत्र को विभिन्न निचली अदालतों से साकेत जिला न्यायालय में दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के मुख्य महानगर दंडाधिकारी को स्थानांतरित किए जाएंगे।

हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि मामले को जितना संभव हो सके, तेजी से निपटाया जाए।

सुनवाई के दौरान, पीठ ने देखा कि शास्त्री पार्क, वजीराबाद, पीएस वेलकम, और चंदानी महल आदि में पुलिस थानों में दर्ज एफआईआर से संबंधित सात याचिकाएं - जिन्हें मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने संज्ञान में लेने से इनकार कर दिया था, उसका निस्तारण करने से पहले राज्य की ओर से निर्देश के लिए लंबित रखा गया है।

दिल्ली सरकार के वरिष्ठ स्थायी वकील (क्रिमिनल) राहुल मेहरा ने बताया कि राज्य को इन मामलों में कोर्ट के निर्देशों पर कोई आपत्ति नहीं है।

अधिवकता अशिमा मंडला और मंदाकिनी सिंह ने हाईकोर्ट को बताया कि उस एफआईआर से उत्पन्न मामलों में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कई आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं।

इनमें से कुछ मामलों में, कुछ पर संज्ञान लिया गया है और कुछ याचिकाकर्ताओं को समन दिया गया है। वहीं अन्य मामले विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं।

इस बीच, केंद्र के वकील अजय दिगपाल ओर सत्य राज स्वैन ने कहा, लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) को दिल्ली पुलिस के अनुरोध पर आव्रजन ब्यूरो (ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन), गृह मंत्रालय द्वारा खोला गया था। एक बार आपराधिक मामले बंद होने के बाद, केंद्र सरकार एलओसी को बंद कर देगी और याचिकाकर्ताओं को देश छोड़ने की सुविधा देगी।

अबतक, हाईकोर्ट ने इस मामले में 15 एफआईआर को स्थानांतरित किया है।

आरएचए/एसजीके

Created On :   23 Aug 2020 2:30 PM GMT

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