दिल्ली के IAS अफसर बोले- राजनीतिक मतलब के लिए हमें घसीटा जा रहा है

Delhis IAS association says they are not on strike
दिल्ली के IAS अफसर बोले- राजनीतिक मतलब के लिए हमें घसीटा जा रहा है
दिल्ली के IAS अफसर बोले- राजनीतिक मतलब के लिए हमें घसीटा जा रहा है
हाईलाइट
  • आईएएस अधिकारी मनीषा सक्सेना ने कहा कि
  • हम हड़ताल पर नहीं है।
  • सीएम केजरीवाल पर दिल्ली की जनता में भ्रम फैलाने का आरोप लगाया।
  • हमे पूरी तरह से राजनीतिक कारणों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और नौकरशाहों के बीच चल रही खींचतान के बीच रविवार को आईएएस एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया जिनमें वे आईएएस पर काम न करने और हड़ताल पर जाने के आरोप लगा रहे हैं। आईएएस अधिकारी मनीषा सक्सेना ने कहा कि, हम हड़ताल पर नहीं है। उन्होंने सीएम केजरीवाल पर दिल्ली की जनता में भ्रम फैलाने का आरोप लगाया।

राजनीतिक कारणों के लिए किया जा रहा इस्तेमाल
मनीषा सक्सेना ने कहा कि मैं आपको बता देना चाहती हूं कि हम लोग स्ट्राइक पर नहीं है। दिल्ली के IAS ऑफिसरों की हड़ताल पर जाने की जो खबरें आ रही है वो पूरी तरह से झूठी और निराधार है। हम लोग सभी मीटिंग्स अटेंड कर रहे है, सभी विभाग अपना काम कर रहे हैं। हम लोग कभी- कभी छुट्टियों के दिन भी काम कर रहे हैं। वहीं आईएएस अधिकारी वर्षा जोशी ने कहा कि हम भयभीत और पीड़ित महसूस कर रहे हैं। हमे पूरी तरह से राजनीतिक कारणों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

 

 

क्या है मामला?
अपनी तीन मांगों को मनवाने के लिए पिछले 6 दिनों से दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, मंत्री सत्येंद्र जैन और गोपाल राय LG के घर में वेटिंग रूम में धरने पर बैठे हैं। इन तीन मांगों में...

- पहली मांग दिल्ली में हड़ताल पर गए IAS अधिकारियों को काम पर लौटने का निर्देश दिया जाने को कहा गया है।

- दूसरी, काम रोकने वाले IAS अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लें।

- और तीसरी, राशन की डोर स्टेप डिलीवरी की योजना को मंजूरी मिले।

इन मांगों को लेकर सोमवार शाम केजरीवाल उप राज्यपाल अनिल बैजल से मिलने उनके दफ्तर पहुंचे थे। केजरीवाल का कहना था कि एलजी ने उनकी तीनों ही मांगों को मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा था कि जब तक उपराज्यपाल मांगें नहीं मानेंगे, वह यहां से नहीं जाएंगे। 

Created On :   17 Jun 2018 12:00 PM GMT

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