सिख दंगों की जांच के लिए नई एसआईटी गठित करने की मांग गरमाई
नई दिल्ली, 2 अगस्त(आईएएनएस)। 1984 के सिख दंगों की जांच के लिए नई एसआईटी गठित करने की मांग जोर पकड़ रही है। जस्टिस धींगरा की अध्यक्षता वाली एसआईटी ने सिख दंगे में शामिल अदृश्य ताकतों की पहचान करने के लिए नई एसआईटी गठित करने की सिफारिश की थी। इसकी मांग वाली बीजेपी के नेशनल सेक्रेटरी आरपी सिंह की याचिका पर 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
बीजेपी के नेशनल सेक्रेटरी सरदार आरपी सिंह ने आईएएनएस को बताया, दंगों की जांच के लिए गठित जस्टिस धींगरा कमेटी की सिफारिशें जनवरी 2020 में केंद्र सरकार ने मंजूर की थी। कमेटी ने दंगे के पीछे राजनीतिक रूप से रसूखदार अदृश्य ताकतों की बात कही थी। रिपोर्ट पेश होने के छह महीने से एसआईटी गठित होने का इंतजार है। सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर 4 अगस्त को सुनवाई है।
बीते दिनों सरदार आरपी सिंह ने गृहमंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखकर 1984 के सिख दंगों की जांच के लिए नई एसआईटी गठित करने की मांग की थी। सरदार आरपी सिंह के मुताबिक, जस्टिस धींगरा की अध्यक्षता वाली एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि राजनीतिक अदृश्य ताकतों के इशारे पर स्टेट और पुलिस ने मिलकर सिख दंगे की साजिश रची थी। गृहमंत्रालय ने 15 जनवरी 2020 को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस धींगरा की अध्यक्षता वाली एसआईटी की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए कार्रवाई की बात कही थी। लेकिन रिपोर्ट के आगे बात अभी तक नहीं बढ़ सकी है।
सरदार आरपी सिंह ने कहा कि सिख दंगों में अब तक सिर्फ छोटे नेताओं को ही सजा हुई है। बड़े नेता कार्रवाई से बचे हुए हैं। नई एसआईटी ही इस बात का पता लगा सकती है कि आखिर वे अ²श्य ताकतें कौन थीं, जिनके इशारे पर इतना बड़ा दंगा हुआ। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली हाईकोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश जस्टिस एसएन धींगरा की अध्यक्षता में 2018 में गठित एसआईटी ने दंगों के बंद किये जा चुके 186 मामलों की जांच कर इस साल जनवरी में रिपोर्ट दी थी। जिसे केंद्र सरकार स्वीकार कर चुकी है। अब सिख संगठन और नेता इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार से कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।
Created On :   2 Aug 2020 11:00 PM IST