क्या सोनिया ने तहलका मैगजीन के खिलाफ बंद कराई थी जांच ?

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। सोमवार को (6 नवंबर) कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का लिखा एक लेटर सामने आया है, जो 2004 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम के नाम लिखा गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक लेटर में फर्स्ट ग्लोबल कंपनी की "तहलका" मैगजीन के खिलाफ चल रही जांच को बंद करवाने की बात कही गई थी। गौरतलब है कि साल 2004 में यूपीए सरकार सत्ता में आई, चुनावी नतीजे आने के बाद कांग्रेस पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और मनमोहन सिंह को सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री बनाया गया, लेकिन कहा जाता है कि मनमोहन सिंह के पीएम होते हुए भी सोनिया गांधी के ही इशारे पर फैसले लिए जाते हैं।
इस बात का अंदाजा हाल ही में सामने आए एक लेटर से लगाया जा सकता हैं कि, यूपीए सरकार के वक्त राज सोनिया गांधी का ही था। गौरतलब है कि यूपीए के वक्त फर्स्ट ग्लोबल कंपनी की तहलका मैगजीन ने बीजेपी के कुछ मंत्रियों पर एक स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें मंत्री कथित तौर पर आर्म्स डीलर्स से घूस लेते दिख रहे थे। इस स्टिंग को करने के लिए वाजपायी सरकार के वक्त से तहलका के एडिटर तरुण तेजपाल के खिलाफ फुकन कमीशन जांच कर रहा था। आपको बता दें तहलका रिश्वतखोरी कांड की जाँच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एसएन फुकन को 2003 में नियुक्त किया गया था।
तहलका मैगेजीन के खिलाफ जांच बंद कराने लिखा लेटर
कहा जाता है कि इसी जांच को बंद करवाने के लिए तेजपाल ने पीएम मनमोहन सिंह को जून 2004 में पत्र लिखा था। तेजपाल ने लिखा था कि सरकारी एजंसियां उनको प्रताड़ित कर रही हैं, लेकिन गुजारिश करने के चार महीने बाद तक कोई जवाब ही नहीं आया।
पीएम की ओर से जवाब ना मिलने के बाद तेजपाल ने 20 सितंबर 2004 को सोनिया गांधी को पत्र लिखकर जांच बंद करवाने की बात कही और सोनिया को लेटर लिखने के बाद पांच दिन बाद कांग्रेस नेशनल एडवाइजरी काउंसिल के चेयरपर्सन वाले लेटरहेड पर पी चिंदबरम को लेटर लिखकर इस मामले को "प्राथमिकता" पर देखने को कहा।
सोनिया गांधी के चिदंबरम को लेटर लिखने के अगले दिन चिदंबरम ने ईडी और सीबीडीटी के प्रमुखों को मिलने के लिए कहा। 4 दिन बाद यूपीए सरकार ने मंत्रियों के एक समूह का गठन किया। इसके 6 दिन बाद मैगजीन के खिलाफ जांच हटा ली गई। एनडीए सरकार के दौरान तहलका की कार्यशैली को लेकर चल रही प्रवर्तन निदेशालय और अन्य एजेंसियों की जांच रोक दी गई।
तहलका मैगजीन के स्टिंग में क्या हुआ था खुलासा ?
तहलका मैगजीन ने ही अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार के दौरान रक्षा सौदों में कथित भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किया था। जिसके चलते बाद में तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडिस को त्यागपत्र देना था। तहलका के स्टिंग ऑपरेशन में उस वक्त के बीजेपी अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को कैमरे के सामने पैसे लेते हुए पकड़ा गया था और बाद में वो दोषी पाए गए थे। उस वक्त तहलका के संपादक तरुण तेजपाल थे, जो फिलहाल एक रेप केस के मामले में जमानत पर बाहर हैं। इस भंडाफोड़ ऑपरेशन के बाद फर्स्ट ग्लोबल के प्रमोटर्स देविना मेहरा और शंकर शर्मा के खिलाफ विभिन्न जांच एजेंसियों ने कई मामले दर्ज किए थे।
चिदंबरम ने अपना भेजा जवाब जारी करने को कहा
इस मामले के सामने आने के बाद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सुझाव दिया कि मीडिया को सरकार से उनका वो जवाब भी जारी करना चाहिए जो उन्होंने कांग्रेस सोनिया गांधी को लिखा था। सोनिया ने उनसे कथित रूप से आरोपों को देखने के लिए कहा था।
मीडिया खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए चिदंबरम ने कहा कि, "लेटर पर मेरी नोटिंग सही है। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि वित्त मंत्रालय की ओर से मैंने इस लेटर का जवाब भेजा होगा। श्रीमती गांधी और मेरे उत्तर को एकसाथ पढ़ा जाना चाहिए।"
Created On :   7 Nov 2017 12:09 PM IST