शिवसेना घोर विरोधियों का दामन थामे तो लोकतंत्र की हत्या नहीं? : भाजपा
नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में भाजपा के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक धड़े के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद विपक्ष के चौतरफा हमले के बीच पार्टी ने भी दोपहर बाद प्रेस वार्ता कर इसका जवाब दिया।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में रविशंकर कहा, अब कहा जा रहा है कि लोकतंत्र की हत्या की हो गई है। जब शिवसेना स्वार्थ भाव से प्रेरित होकर अपनी 30 साल की दोस्ती तोड़कर अपने घोर विरोधियों का दामन थाम ले तो ये लोकतंत्र की हत्या नहीं है क्या?
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना के पक्ष में जनादेश था, लेकिन बड़ी पार्टी थी भाजपा और मुख्यमंत्री का जनादेश योग्य और ईमानदार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए था। भाजपा और शिवसेना ने जब बहुमत प्राप्त किया तो ये भाजपा गठबंधन की नैतिक और चुनावी विजय थी। मगर चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना किसके इशारे पर उत्तेजक हो गई थी?
प्रसाद ने कहा, शरद पवार और कांग्रेस ने परिणाम के बाद बयान दिया था कि हमें विपक्ष में बैठने का जनमत मिला है तो ये विपक्ष में बैठने का जनमत कुर्सी के लिए मैच फिक्सिंग कैसे हो गया?
उन्होंने राज्यपाल की भूमिका पर उठ रहे सवालों को खारिज करते हुए कहा, राज्यपाल ने तीनों पार्टियों को बुलाया था। राकांपा और शिवसेना को बुलाया तो उन्होंने कहा कि और समय दीजिए। आज सुबह भाजपा और अजीत पवार के साथ राकांपा के बड़े तबके ने आवेदन दिया कि हमारे पास बहुमत है। क्या शिवसेना और राज्यपाल का कोई आवेदन राज्यपाल के पास अब तक था?
रविशंकर प्रसाद ने कहा, कुछ लोग छत्रपति शिवाजी की विरासत की बात कर रहे हैं, उनसे मैं बस इतना कहूंगा कि सत्ता के लिए अपने विचारों से समझौता करने वाले तो कम से कम छत्रपति शिवाजी की बात न करें। जो आदरणीय बाला साहब ठाकरे के आदर्शो को जीवित नहीं रख सके, उनके विषय में कुछ नहीं कहना है।
उन्होंने कहा, और एक स्थायी सरकार बनाने के आग्रह पर देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में अजीत पवार के साथ बड़ा तबका आकर सहयोग करे तो इसे लोकतंत्र की हत्या कहा जाता है।
Created On :   23 Nov 2019 5:30 PM IST