केन्द्र का राज्यों को आदेश- नशा मुक्ति केन्द्र के नाम बदलकर उपचार केन्द्र रखें

drug de-addiction center name will change to treatment center
केन्द्र का राज्यों को आदेश- नशा मुक्ति केन्द्र के नाम बदलकर उपचार केन्द्र रखें
केन्द्र का राज्यों को आदेश- नशा मुक्ति केन्द्र के नाम बदलकर उपचार केन्द्र रखें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों को चिट्ठी लिखकर एक अप्रैल से नशा मुक्ति केन्द्रों का नाम बदलने और सभी जेलों व सरकारी अस्पतालों में नशा छुड़ाने के लिए उपचार केन्द्र खोलने को कहा है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि नशा मुक्ति केन्द्रों का नाम बदलने की जरूरत इसलिए महसूस की गई, क्योंकि नशा मुक्ति केन्द्र को लेकर संबंधित लोगों के मन में शर्म और डर का भाव दिखता है। लिहाजा नशे के चंगुल में फंसे लोगों व उनके परिजनों पर से मनोवैज्ञानिक दबाव हटाने के लिए इसका नाम उपचार केन्द्र रखा जाएगा। सभी राज्यों को लिखी चिट्ठी में मंत्रालय ने साफ कहा है कि एक अप्रैल 2018 से नशा मुक्ति केन्द्रों का नाम बदलकर उपचार केन्द्र कर दिया जाए।

सरकार का मानना है कि नशे का सेवन करने वाले अधिकतर लोग आपराधिक गतिविधियों में तो शामिल होते ही हैं, साथ ही ऐसे लोगों में आत्महत्या की प्रवृत्ति भी अधिक देखी गई है। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2014 में नशे के आदी 10 लोगों ने रोजाना आत्महत्या की है। इस वर्ष नशा करने वाले कुल 3,647 लोगों ने अपनी जान दी है, जिसमें सबसे ज्यादा आत्महत्या महाराष्ट्र (1372) में दर्ज की गई है। महाराष्ट्र के बाद तमिलनाडू, केरल, मध्यप्रदेश और पंजाब का नंबर आता है।

जेल में ही छुड़ाई जाएगी नशे की आदत   

जेलों में उपचार केन्द्र की वकालत करते हुए सरकार ने कहा है कि जेलों में अक्सर आपराधिक प्रवृत्ति के लोग पहुंचते हैं और ऐसा माना जाता है कि आपराधिक प्रवृत्ति के ज्यादा लोगों का जुड़ाव नशे के सेवन से रहता है। लिहाजा सरकार की कोशिश जेल में बंद नशे के आदी लोगों को जेल में ही इस बुरी आदत से छुटकारा दिलाने की है ताकि वे बाहर निकलकर एक बेहतर नागरिक की तरह जीवन जी सकें।

बता दें कि सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय ने पहली बार देश के 185 जिलों में नशे की जाल में फंसे लोगों की पहचान के लिए सर्वेक्षण का काम शुरू किया है। इन 185 जिलों में महाराष्ट्र के भी आठ जिले शामिल हैं। सूत्र बताते हैं कि सरकार ने एक लाख वैसे नशेड़ियों की पहचान भी शुरू कर दी है, जो बुरी तरह से नशे की गिरफ्त में हैं। इस काम में दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को लगाया गया है।

Created On :   27 Feb 2018 11:47 PM IST

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