पूर्वी दिल्ली हिंसा : स्कूलों में फंसे रह गए बच्चे
- पूर्वी दिल्ली हिंसा : स्कूलों में फंसे रह गए बच्चे
नई दिल्ली, 24 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के जाफराबाद व मौजपुर में हुई हिंसा का खामियाजा पूर्वी दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों को भी भुगतना पड़ा। हिंसा की खबर मिलने पर दर्जनों स्कूलों ने अपने यहां पढ़ने वाले बच्चों को बिना किसी सुरक्षा के तनावग्रस्त सड़कों के रास्ते घर भेजने का जोखिम नहीं उठाया। इसका नतीजा यह रहा कि अभिभावकों के स्कूल पहुंचने तक सैकड़ों छात्र छुट्टी के बावजूद स्कूल में ही फंसे रह गए।
यमुना विहार में रहने वाली सुनीता लखचौरा ने आईएएनएस कहा, दोपहर करीब एक बजे हमें स्कूल से फोन आया की स्कूल बस के रूट पर जगह-जगह हिंसा व दंगे हो रहे हैं। हिंसा के मद्देनजर स्कूल प्रशासन ने बच्चों को स्कूल वैन में भेजने से इनकार कर दिया।
यमुना विहार में रहने वाली सुनीता लखचौरा के दो बच्चे दिलशाद गार्डन स्थित एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं। बच्चों का टेस्ट होने के कारण सोमवार सुबह सुनीता ने अपने बच्चों को सही समय पर स्कूल के लिए रवाना कर दिया। दिलशाद गार्डन से यमुना विहार आने के लिए मौजपुर, गोकुलपुरी आदि इलाकों से होकर गुजरना पड़ता है। यही कारण रहा कि इन इलाकों में फैले उपद्रव का खामियाजा सैकड़ों स्कूली बच्चों को उठाना पड़ा।
सुनीता ने कहा, स्कूल से कॉल आने के तुरंत बाद मैं बच्चों को लेने के लिए स्कूल भागी लेकिन करीब आधा किलोमीटर जाने के बाद पता लगा कि आगे का रास्ता झगड़े फसाद की वजह से बंद कर दिया गया है। मैंने एक के बाद दूसरा और दूसरे के बाद तीसरा रास्ता चुना लेकिन सभी रास्तों पर या तो बेशुमार भीड़ थी या फिर झगड़े की वजह से पुलिस ने रास्ते बंद कर दिए थे।
सुनीता जब स्कूल तक पहुंचने में नाकाम रही तो उनके पति दिनेश लखचौरा को ऑफिस छोड़कर स्कूल जाना पड़ा। हालांकि दिनेश को भी स्कूल पहुंचने में 3 घंटे से अधिक समय लग गया। इस दौरान सैकड़ों बच्चे स्कूल में फंसे रहे। सुनीता के मुताबिक वह अपने बच्चों के साथ शाम 7 बजे के बाद ही घर पहुंच सकीं।
अभिभावकों के मुताबिक इस दौरान स्कूल का रवैया सहयोग पूर्ण रहा। स्कूल ने ही बच्चों के लिए दोपहर के खाने की व्यवस्था भी की। सुनीता के मुताबिक, बच्चों को स्कूल से घर लाने की इस पूरी कवायद में वह स्वयं और उनके छोटे बच्चे भी काफी सहम गए हैं।
Created On :   24 Feb 2020 10:31 PM IST