CM योगी और डिप्टी सीएम की सीट पर बायपोल 11 मार्च को, 14 को नतीजे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के लिए बायपोल का एलान शुक्रवार को हो गया है। इन दोनों ही सीटों पर 11 मार्च को वोटिंग होगी। इसके साथ ही बिहार की अररिया लोकसभा सीट, भभुआ और जहानाबाद विधानसभा सीट पर भी 11 मार्च को ही बायपोल के लिए वोटिंग होगी। इन सभी बायपोल के रिजल्ट 14 मार्च को डिक्लेयर किए जाएंगे। बता दें कि गोरखपुर से सीएम योगी आदित्यनाथ और फूलपुर से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या सांसद थे।
गोरखपुर में बायपोल क्यों?
गोरखपुर लोकसभा सीट उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की सीट है। 2014 के लोकसभा चुनावों में इस सीट से योगी आदित्यनाथ सांसद बने थे। इसके बाद मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम बन गए और उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। योगी आदित्यनाथ ने 2014 में समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट राजमति निषाद को 3 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। बता दें कि 1991 से ही गोरखपुर सीट बीजेपी के पास है और इसके यूपी की VVIP सीटों में गिना जाता है।
फूलपुर में बायपोल क्यों?
2014 के लोकसभा चुनावों में फूलपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के केशव प्रसाद मौर्या ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट धरम राज सिंह पटेल को 3 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। मार्च 2017 में केशव प्रसाद मौर्या को योगी सरकार में डिप्टी सीएम बनाया गया, जिसके बाद उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि फूलपुर सीट से ही भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू सांसद थे।
अररिया में बायपोल क्यों?
2014 में हुए लोकसभा चुनावों में बिहार की अररिया सीट से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के मोहम्मद तस्लीमुद्दीन सांसद चुने गए थे। उन्होंने 2014 में बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह को करीब 1.5 लाख वोटों से हराया था। सितंबर 2017 में तस्लीमुद्दीन का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था।
भभुआ में बायपोल क्यों?
2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनावों में भभुआ सीट से बीजेपी के आनंद भूषण पांडेय उर्फ मंटू तिवारी चुने गए थे। आनंद भूषण का निधन भी लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में हो गया था।
जहानाबाद में बायपोल क्यों?
वहीं जहानाबाद विधानसभा सीट से आरजेडी के मुंद्रिका यादव 2015 के विधानसभा चुनावों में विधायक बने थे। मुंद्रिका यादव को डेंगू की बीमारी हो गई थी और इसी वजह से अक्टूबर 2017 में उनका निधन हो गया। यादव के निधन के बाद खाली पड़ी इस सीट पर अब बायपोल होगा।
Created On :   9 Feb 2018 1:43 PM IST