चीफ इलेक्शन कमिश्नर ओपी रावत ने कहा - VVPAT के फोटो क्लिक करने की खबरें झूठी

election commission has said vvpat machines don’t click pictures
चीफ इलेक्शन कमिश्नर ओपी रावत ने कहा - VVPAT के फोटो क्लिक करने की खबरें झूठी
चीफ इलेक्शन कमिश्नर ओपी रावत ने कहा - VVPAT के फोटो क्लिक करने की खबरें झूठी
हाईलाइट
  • इलेक्शन कमीशन ने कहा
  • पेपर ट्राल मशीन नहीं लेती कोई तस्वीर।
  • ओपी रावत ने कहा
  • VVPAT पूरी तरिके से सुरक्षित है।
  • ओपी रावत ने कहा
  • अफवाहों से सावधान रहने की जरूरत।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इलेक्शन कमीशन ने रविवार को उन सभी खबरों को खारिज किया है, जिनमें कहा जा रहा था कि पेपर ट्रेल मशीन वोटिंग के समय वोटरों की तस्वीर लेती है। चीफ इलेक्शन कमिश्नर ओ पी रावत ने कहा कि यह सभी अफवाहें सरासर झूठी हैं। VVPAT पूरी तरह से सुरक्षित है। यह काम उन लोगों का है जो वोट के बदले नोट देने की राजनीति करते हैं। लोगों को इन सभी अफवाहों से सावधान रहने की जरूरत है।

ओ पी रावत ने कहा, "वोटर-वेरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) के बारे में लोग जो भी कह रहे हैं, उसपर भरोसा न करें। VVPAT वोटरों की कोई भी तस्वीर क्लिक नहीं करती। इससे वोटरों की गोपनीयता को कोई खतरा नहीं है।" चीफ इलेक्शन कमिश्नर ने कहा कि आने वाले एक साल में काफी महत्वपूर्ण चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में कुछ लोग जो अफवाह फैलाने का धंधा करते हैं मासूम लोगों को गुमराह कर सकते हैं। 

चीफ इलेक्शन कमिश्नर ने बताया कि वोटरों के जागरूकता के लिए वह जल्द ही एक अभियान चलाएंगे। इस अभियान से देश के सभी नागरिकों को चुनाव के प्रति जानकारी दी जाएगी और उन्हें चुनाव में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित भी किया जाएगा। साथ ही वोटरों को ऐसी अफवाहों से दूर रहने की भी सीख दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन ऐसी तकनीक लाने पर काम कर रहा है, जिससे वोटर अपने शहर से बाहर कहीं भी वोट डाल पाएंगे।

क्या है VVPAT
बता दें कि 2014 के लोकसभा इलेक्शन के बाद से कई मौकों पर विपक्षी पार्टियां अभी तक इस्तमाल की जा रही EVM मशीनों में गड़बड़ी का आरोप लगा चुकी हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने चुनाव में मिली हार का कारण EVM को बताया था। इसी वजह से इलेक्शन कमीशन ने VVPAT को लाने का सोचा। VVPAT एक ऐसी मशीन है, जिसमें वोट डालने के बाद एक पर्ची निकलती है। इस पर्ची में वोटरों द्वारा किये गए वोट और पार्टी का नाम रहता है। यह पर्ची कुछ सेकेंड के लिए एक छोटे से विंडो पर दिखेगी और उसके बाद एक बक्से में गिर जाएगी। वोटर इसे अपने साथ घर नहीं ले जा सकते। वोट काउंटिंग के वक्त जरूरत पड़ने पर EVM और VVPAT की पर्चियों का मिलाया जाता है।

Created On :   5 Aug 2018 9:03 PM IST

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