विस्तारवादी चीन ने अब भूटान के साथ नया सीमा विवाद खड़ा किया

Expansionist China now raises new border dispute with Bhutan
विस्तारवादी चीन ने अब भूटान के साथ नया सीमा विवाद खड़ा किया
विस्तारवादी चीन ने अब भूटान के साथ नया सीमा विवाद खड़ा किया

नई दिल्ली, 30 जून (आईएएनएस)। चीन ने अपने विस्तारवादी एजेंडे के साथ आगे बढ़ते हुए अब भारत के पारंपरिक सहयोगी भूटान के साथ एक नया सीमा विवाद खड़ा कर दिया है।

चीन ने जून के पहले सप्ताह में ग्लोबल एनवायरमेंट फैसिलिटी (जीईएफ) की 58वीं वर्चुअल (वीडियो कांफ्रेंस) बैठक में भूटान के सकतेंग वन्यजीव अभयारण्य (एसडब्ल्यूएस) की जमीन को विवादित बताया है। इसके साथ ही चीन ने इस परियोजना के लिए होने वाली फंडिंग का भी विरोध किया।

दुनिया भर के विभिन्न देश कोरोनावायरस महामारी से जूझ रहे हैं, जिसका उद्गम चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर में हुआ था। विश्व के सामने खड़े इतने बड़े स्वास्थ्य संकट के बीच बीजिंग का विस्तारवादी और आक्रामक रवैया कम होने के बजाए बढ़ता ही जा रहा है। ड्रैगन पूर्वी चीन सागर, दक्षिण चीन सागर और भारत के अरुणाचल प्रदेश व लद्दाख में यथास्थिति बदलने के प्रयासों में लगा हुआ है।

स्ट्रैट न्यूज ग्लोबल के अनुसार, जीईएफ काउंसिल दुनिया भर में विभिन्न पर्यावरणीय परियोजनाओं के लिए फंडिंग का फैसला करने के लिए इकट्ठा हुई थी। वह भी चीन की इस आपत्ति से चौंक गई और उसके दावे को उखाड़ फेंका। जीईएफ परिषद के अधिकांश सदस्यों ने भूटान के विचार का समर्थन किया और मसौदे को परिषद द्वारा मंजूर किया गया। चीनी परिषद के सदस्य की आपत्ति के बावजूद कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया था।

परिषद ने आपत्ति के लिए चीन के कारण को दर्ज करने से इनकार कर दिया। उसने यह कहा कि फुटनोट केवल यह रिकॉर्ड करेगा कि चीन ने परियोजना पर आपत्ति जताई। हालांकि, चीनी काउंसिल के सदस्य ने कहा कि उन्हें इस मामले पर विचार करने के लिए अपने उच्च अधिकारियों के साथ परामर्श करने के लिए समय की आवश्यकता होगी।

कारणों को चर्चा के मुख्य आकर्षण में शामिल किया गया था, जो कम औपचारिक रिकॉर्ड है। स्ट्रैट न्यूज ने बताया कि फुटनोट में उल्लिखित मसौदे का सारांश है, चीन इस परियोजना पर परिषद के फैसले में शामिल नहीं है।

इसके बाद भूटान सरकार ने जीईएफ परिषद को एक औपचारिक पत्र जारी किया, जिसमें भूटान की संप्रभुता और सकतेंग वन्यजीव अभयारण्य पर सवाल उठाने वाले संदर्भों का जोरदार विरोध किया है। भूटान ने जीईएफ परिषद से परिषद के दस्तावेजों से चीन के आधारहीन दावों के सभी संदर्भों को शुद्ध करने का आग्रह किया है।

भूटान और चीन के बीच 1984 से सीमा विवाद है। थिम्पू और बीजिंग के बीच बातचीत विवाद के तीन क्षेत्रों (उत्तरी भूटान में दो - जकार्लुंग और पसमलंग क्षेत्रों में - और एक पश्चिम भूटान में सीमित है) तक सीमित है। सकतेंग तीन विवादित क्षेत्रों में से किसी का हिस्सा नहीं है।

Created On :   30 Jun 2020 6:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story