2008 में कर्जमाफी से बाहर रहने वाले किसानों को अब मिलेगा लाभ, MPSC परीक्षा भी होगी जल्द

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि वर्ष 2008 में तत्कालीन सरकार द्वारा घोषित कर्ज माफी से बाहर रहने वाले किसानों को भाजपा सरकार द्वारा घोषित कर्जमाफी योजना के दायरे में लाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2001-09 के दौरान कर्ज चुकाने में असफल रहे किसान और 2008 की कर्जमाफी योजना का लाभ नहीं उठा सके किसानों को छत्रपति शिवाजी महाराज शेतकारी सन्मान योजना में शामिल किया जायेगा। इस योजना की घोषणा पिछले साल जून में राज्य की फडणवीस सरकार ने की थी।
सोमवार को नाशिक से मोर्चा लेकर आए किसान प्रतिनिधियों और राज्य सरकार के बीच हुई बातचीत का व्यौरा मुख्यमंत्री ने मंगलवार को विधानसभा को दिया। ऑल इंडिया किसान सभा के बैनर तले हजारों की संख्या में किसान और आदिवासी लगभग 180 किलोमीटर की दूरी तय कर नासिक से मुम्बई पहुंचे थे। राज्य सरकार द्वारा किसानों की लगभग सभी मांगों पर सहमति व्यक्त करने के बाद किसानों ने प्रदर्शन वापस ले लिया था। फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार की कर्जमाफी को लागू करने के लिए समिति बनाई जायेगी जिसमें मंत्रियों के साथ- साथ किसान संगठनों के नेता भी शामिल होंगे। वन भूमि के हस्तांतरण अधिकारों के लिए किसानों की मांग का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को ऐसा करने के लिए छह महीने की जरूरत है।
MPSC परीक्षार्थियों के आंदोलन में कोचिंग क्लास वालों का हाथ
महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग (MPSC) की तैयारी कर रहे परीक्षार्थियों के आंदोलन को निजी कोचिंग क्लासेस बढ़ावा दे रहे हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि जल्द ही बड़े पैमाने पर भर्तियों के लिए MPSC परीक्षा आयोजित की जाएगी। विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए यह मुद्दा उठाया था। विखेपाटील ने कहा कि आंदोलन के बिना इस सरकार से न्याय नहीं मिलता यह किसान आंदोलन से साफ हो गया है। भर्ती न होने से बेरोजगार युवकों में भारी नाराजगी है। राज्य में डेढ़ लाख पद रिक्त हैं और सिर्फ 69 का विज्ञापन दिया गया है। अब सरकार 30 फीसदी पद खत्म करने पर विचार कर रही है। इस पूरे मामले पर सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने बेरोजगारी सर्वे बंद नहीं किया बल्कि उसे अब हर तीन महीने में किया जाता है। हम भी तीन महीने में सर्वे करते थे लेकिन इसे साल में एक बार ही जारी किया जाता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि वेतन आयोग आने के बाद सरकार पदों की समीक्षा करती है। उन्होंने कहा कि कृषि सेवा, कृषि सहायक, स्वास्थ्य, जलसंसाधन जैसे विभागों में भर्तियों पर कोई रोक नहीं है। पिछली सरकार की रिपोर्ट है कि शिक्षा के क्षेत्र में अतिरिक्त नियुक्तियां हुईं हैं। हमें मेडिकल कॉलेज के लिए शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। केंद्र द्वारा बेरोजगारी सर्वे बंद करने के आरोपों को भी गलत बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब एक साल की जगह हर तीन महीने पर सर्वे रिपोर्ट जारी की जा रही है।
Created On :   13 March 2018 9:57 PM IST