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Protest: दिल्ली की सीमाओं पर किसानों ने पानी पीकर खत्म की भूख हड़ताल, टिकैत बोले- आज का आंदोलन सफल रहा, सरकार को बात सुननी पड़ेगी

हाईलाइट
- ट्रॉली या ट्रैक्टर रोका गया तो उसी समय हाईवे जाम करेंगे: टिकैत
- जल्द ही किसानों से संपर्क करने के लिए 4 फोन नम्बर जारी करेंगे
- 10 किसान संगठनों ने कृषि कानूनों का समर्थन किया: तोमर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन लगातार 19वें दिन से जारी है। सोमवार को किसानों ने दिल्ली की सीमाओं सहित देशभर के जिला मुख्यालयों पर सुबह 8 से 5 बजे तक भूख हड़ताल की। सिंघु बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठे किसानों ने पानी पीकर और फल खाकर अपना उपवास खत्म किया। वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर शाम पांच बजे 4 मासूम बच्चों ने प्रदर्शन स्थल पर किसान नेताओं को जूस पिला कर उनका अनशन खत्म करवाया।
अनशन पूरा करने के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने प्रेस वार्ता की, जिसमें उन्होंने कहा कि हमारा आज का अनशन कामयाब रहा, इस अनशन के बाद सरकार को एक संदेश जाएगा। सरकार को हमारी बात सुननी होगी। हम किसान बातों से समाधान चाहते हैं। हमारी अगली रणनीति जल्द तय होगी।
ट्रॉली या ट्रैक्टर रोका गया तो उसी समय हाईवे जाम करेंगे: टिकैत
उन्होंने आगे पुलिस प्रशासन को हिदायत देते हुए कहा कि हम किसानों का अगर कहीं ट्रॉली या ट्रैक्टर रोका गया तो उसी समय हाईवे जाम करेंगे। हमारे किसान भाइयों को परेशान करना बंद करें। जिन थाने या चौकी में हमारे किसान जाएंगे, उस थाने में हम पशुओं को बांध देंगे। दरअसल किसानों का आरोप है कि उनके कई साथियों को पुलिस द्वारा विभिन्न जगहों पर परेशान किया जा रहा है। वहीं ट्रैक्टरों को थानों में बंद किया जा रहा है।
जल्द ही किसानों से संपर्क करने के लिए 4 फोन नम्बर जारी करेंगे
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि हम जल्द ही संपर्क करने के लिए 4 फोन नम्बर जारी करेंगे। जिस पर मीडिया या अन्य परेशान किसान हमसे संपर्क कर सकते हैं। दरअसल सोमवार को सभी किसान नेता सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे थे। इससे पहले किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया था। जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों और ट्रेड यूनियनों ने भी किसानों के भारत बंद का समर्थन किया था। दूसरी ओर सरकार के साथ कई दौर की बातचीत के बावजूद किसान संतुष्ट नहीं है। किसानों का कहना है कि जब तक नए कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
10 किसान संगठनों ने कृषि कानूनों का समर्थन किया: तोमर
इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि उत्तर प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार और हरियाणा के 10 किसान संगठनों ने कृषि कानूनों को सही बताया है और उनका समर्थन किया है। आंदोलन कर रहे किसानों के लिए तोमर ने कहा कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं। वो हमारे प्रपोजल पर अपना विचार बताएंगे तो हम निश्चित रूप से आगे बातचीत करेंगे।
प्रदर्शनकारी ने अपना सिर मुंडवाया
दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर ओडिशा से कृषि कानूनों का विरोध करने आए किसान सिंघु बॉर्डर पहुंचे। कानूनों का विरोध करने के लिए एक प्रदर्शनकारी ने अपना सिर मुंडवाया।
बॉर्डर पर पपेट शो के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किया गया
कृषि कानूनों के खिलाफ जयसिंहपुर खेड़ा (राजस्थान-हरियाणा) बॉर्डर पर पपेट शो के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किया गया। ऑल इंडिया किसान सभा और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सदस्य भी कृषि कानूनों के खिलाफ जारी प्रदर्शन में शामिल हुए।
#WATCH | कृषि कानूनों के खिलाफ जयसिंहपुर खेड़ा (राजस्थान-हरियाणा) बॉर्डर पर पपेट शो के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किया गया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 14, 2020
ऑल इंडिया किसान सभा और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सदस्य भी कृषि कानूनों के खिलाफ जारी प्रदर्शन में शामिल हुए। https://t.co/vNugP1kF7Ppic.twitter.com/CuYQZ0uZA2
किसान प्रतिनिधि कानूनों के समर्थन में: पीयूष गोयल
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश का किसान मोदी सरकार के कृषि कानूनों की अहमियत समझता है। राज्यों के किसान प्रतिनिधियों ने कहा है कि पंजाब का आंदोलन राजनीति से प्रेरित है। किसी भी कीमत पर ये कानून वापस नही होने चाहिए।
किसान भाइयों से बातचीत के दरवाजे हमेशा खुले हैं: रक्षा मंत्री
उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एग्रीकल्चर एक अहम सेक्टर है, इसमें विपरीत फैसले लेने का सवाल ही नहीं उठता। मौजूदा सुधार किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं। किसान भाइयों से बातचीत के दरवाजे हमेशा खुले हैं।
केजरीवाल ने किसानों के समर्थन में उपवास रखा
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने किसानों की भूख हड़ताल को समर्थन देते हुए आज उपवास रखा है। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से भी उपवास करने की अपील की है। उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केजरीवाल के उपवास को नौटंकी बताया।
किसानों को मनाने के लिए अमित शाह सक्रिय
किसान आंदोलन को लेकर गृह मंत्री अमित शाह सक्रिय हो गए हैं। अभी तक शाह की किसानों के साथ एक ही बैठक हुई है, लेकिन अब हर मुद्दा वे खुद देख रहे हैं। इसे लेकर 3 दिन में शाह 5 से ज्यादा बैठकें कर चुके हैं। सरकार हर राज्य के किसानों के लिए अलग स्ट्रैटजी बना रही है।
हाईवे अब मंगलवार को बंद होगा
राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के अध्यक्ष शिवकुमार कक्काजी ने कहा कि एक दिन के अनशन की वजह से किसानों ने दिल्ली जयपुर हाईवे बंद करने का निर्णय एक दिन आगे बढ़ा दिया है। हाईवे अब मंगलवार को बंद होगा। जयपुर-दिल्ली हाईवे जाम करने के लिए राजस्थान, हरियाणा बॉर्डर पर रविवार को बड़ी संख्या में किसान पहुंच गए हैं।
अगले दौर की वार्ता जल्द
केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के अपना प्रदर्शन तेज करने के बीच केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने रविवार को कहा कि सरकार जल्द ही एक तारीख तय कर किसान संघ के नेताओं को अगले दौर की वार्ता के लिए बुलाएगी। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार और 40 किसान संघों के प्रतिनिधियों के बीच पहले हुई पांच दौर की वार्ता बेनतीजा रही थीं।
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।