दैनिक भास्कर हिंदी: आप नेता आशुतोष पर FIR, गांधी, नेहरू, अटल पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप

May 8th, 2018

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष के खिलाफ बेगमपुर थाने में  FIR दर्ज की गई है। आशुतोष के खिलाफ IPC की धारा 291 और 292 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आप नेता आशुतोष पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी पर आपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है। आशुतोष ने अपने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उनके चरित्र पर उंगली उठाई थी।

 

 

रोहिणी कोर्ट के आदेश पर FIR

 

दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने 2016 के इस मामले पर सुनवाई करते हुए आशुतोष के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि आशुतोष ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने के साथ ही महात्मा गांधी की छवि धूमिल करने और युवाओं में नकारात्मक सोच पैदा करने की कोशिश की है। कोर्ट ने कहा कि महात्मा गांधी पर उंगली उठाना बेहद आसान है लेकिन देशभक्ति प्रचारकों के लिए महान महात्मा बनना मुश्किल है। अदालत ने आगे ये भी कहा कि आशुतोष के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं। 

 

 

एक शख्स ने दायर की थी याचिका 

योगेंद्र नाम के शख्य ने याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया है कि आशुतोष ने 2016 में अपने एक ब्लॉग में दुष्कर्म के आरोपी आप नेता के बचाव में एक सीडी का हवाला देते हुए नेहरू और महात्मा गांधी के महिलाओं के साथ संबंध होंने की बातों का जिक्र किया था। अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ भी अभद्र शब्द इस्तेमाल किए थे। 

 

सीडी कांड में आप नेता के बचाव में उतरे थे आशुतोष

बता दें कि पत्रकार से राजनेता बने आशुतोष 2016 में अश्लील सीडी कांड में फंसे दिल्ली सरकार के पूर्व महिला बाल कल्याण मंत्री संदीप कुमार के बचाव में सामने आए थे। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के फैसले से अलग हटकर आशुतोष ने संदीप कुमार का बचाव करते हुए कहा था कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। वो यहीं नहीं रुके थे। उन्होंने आगे महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और जॉर्ज फर्नांडिस के बारे में कहा था कि इनके भी सामाजिक दायरों से बाहर दूसरी महिलाओं से संबंध रहे हैं।

 

 

ब्लॉग में भी की थी आपमानजनक टिप्पणी

आशुतोष ने इस मुद्दे पर अपने ब्लॉग में भी आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। उन्होंने लिखा था भारतीय इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा है जहां हमारे नायकों और नेताओं ने सामाजिक बंधनों से बेपरवाह होकर अपनी इच्छाएं पूरी की। जवाहर लाल नेहरू की कई सहयोगी महिलाओं से संबंधों के किस्से कहे-सुने जाते थे लेकिन इससे उनका करियर नहीं बर्बाद हुआ।