जन्म से पहले ही थाने में दर्ज हो गई एफआईआर

FIR was registered in the police station before birth
जन्म से पहले ही थाने में दर्ज हो गई एफआईआर
जन्म से पहले ही थाने में दर्ज हो गई एफआईआर

भोपाल, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। एमपी अजब है, सबसे गजब है -यह स्लोगन तो लगभग एक दशक पहले बना था, मगर वास्तव में मध्यप्रदेश तो कई दशकों से अजब-गजब रहा है और आज भी है। इसका नमूना है नीमच जिले का एक घटनाक्रम। यहां आरोपी का जन्म बाद में होता है और उसके खिलाफ मामला पहले ही दर्ज हो जाता है।

बात जावद तहसील क्षेत्र के उम्मेदपुरा गांव की है। यहां के कय्यूम खान ने मार्च 1991 में एक भूखंड (प्लॉट) खरीदा था, इस भूखंड को खरीदते समय दस्तावेज के टंकण (टाइपिंग) में गड़बड़ी हुई और जमीन को लेकर विवाद हो गया। इस पर हारुन मोहम्मद ने कय्यूम और उसके साथ दो अन्य लोगों के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी।

हारुन की रिपोर्ट में पिता कय्यूम के साथ इम्तियाज और इमरान को भी आरोपी बनाया गया। इम्तियाज को पिछले दिनों पता चला कि वर्ष 1992 में दर्ज हुए एक मामले में उसका भी नाम है तो वह यह जानकार हैरान हो गया। इम्तियाज का कहना है कि उसका जन्म 15 मई, 1993 को हुआ, जबकि जमीन का सौदा मार्च, 1991 में हुआ था। थाने में शिकायत दर्ज हुई। जब एफआईआर दर्ज हुई, उस समय उसका जन्म ही नहीं हुआ था।

इम्तियाज का कहना है कि उसके भाई इमरान को भी आरोपी बनाया गया है। उस समय इमरान की उम्र महज दो साल थी। इमरान का जन्म वर्ष 1990 में हुआ और पुलिस ने मामला वर्ष 1992 में दर्ज किया। इस तरह इम्तियाज को दुनिया में आने से पहले ही आरोपी बना दिया गया और इमरान को दो साल की उम्र में आरोपी बना दिया। इम्तियाज सारे घटनाक्रम और अपनी व भाई की उम्र से पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सगर को अवगत कराया।

पुलिस अधीक्षक सगर ने आईएएनएस को बताया कि यह जमीन संबंधी मामला है, जन्म हेाने से पहले ही प्रकरण दर्ज किए जाने की बात सामने आई है। एफआईआर दर्ज कराते समय तथ्यों को क्या छुपाया गया, इस बात की जांच की जा रही है। इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं, जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

Created On :   16 Dec 2019 9:30 PM IST

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