पहली महिला फाइटर प्लेन पाइलट अवनि चतुर्वेदी ने अकेले उड़ाया Mig-21 Bison
डिजिटल डेस्क, जामनगर। मध्य प्रदेश के रीवा की रहने वाली देश की पहली महिला फाइटर प्लेन पाइलट अवनि चतुर्वेदी ने इतिहास रच दिया है। इंडियन एयरफोर्स की फ्लाइंग ऑफिसर अवनि चतुर्वेदी ने अकेले ही Mig-21 Bison उड़ाया है। इस लड़ाकू विमान को उड़ाने वाली वह देश की पहली महिला फाइटर पायलट बन गई हैं। बता दें कि अभी तक वायुसेना में महिलाएं केवल ट्रांसपोर्ट विमान और हेलीकॉप्टर ही उड़ा सकती थीं।
बता दें कि अवनि ने गुजरात के जामनगर में अपनी पहली ट्रेनिंग में अकेले मिग-21 बाइसन फाइटर प्लेन उड़ाया। फाइटर पायलट बनने का मतलब है कि युद्ध की स्थिति में अवनि, भावना और मोहना लड़ाई में इस्तेमाल सुखोई जैसे विमान भी उड़ाएंगी। 18 जून 2016 को महिला फाइटर पायलट बनने के लिए पहली बार तीन महिलाओं अवनि चतुर्वेदी, मोहना सिंह और भावना कांत को वायु सेना में कमिशन किया गया था। तीनों की ही ट्रेनिंग चल रही है। अवनि का भाई भी सेना में है।
PM मोदी ने की थी अवनी की सराहना
बता दें कि भारत सरकार ने महिलाओं को 2015 में फाइटर पायलट के लिए अनुमति दी थी, हालांकि देश में 1991 से ही महिलाएं हेलिकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ा रही हैं, लेकिन फाइटर प्लेन से उन्हें दूर ही रखा जाता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी "मन की बात" में महिलाओं के मुद्दे पर चर्चा करते हुए अवनी की उपलब्धि का जिक्र किया था। पीएम ने बताया कि तीन बहादुर महिलाएं भावना कंठ, मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी फाइटर पायलेट बनी हैं और सुखोई विमान उड़ाने का प्रशिक्षण ले रही हैं। देश को उन पर गर्व है।
एयर कमांडर ने की प्रशंसा
वहीं गुजरात के वड़ोदरा की रहनी वाली मोहना के पिता वायुसेना में सार्जेंट है, जबकि मथुरा की रहने वाली भावना के परिवार का कोई मिलिट्री बैकग्राउंड नहीं है। तीनों ही लड़कियों ने देश का नाम रोशन किया है। हालांकि इन तीनों के बाद फ्लाइंग ऑफिसर प्रतिभा और शिवांगी को भी इंडियन एयरफोर्स के फाइटर स्ट्रीम फ्लाइंग ब्रांच में मान्यता दी गई है। वायुसेना के एयर कमांडर प्रशांत दीक्षित ने बताया कि देश के लिए ये एक अनोखी उपलब्धि है। दुनिया में सिर्फ ब्रिटेन, अमेरिका, इजरायल और पाकिस्तान में ही महिलाएं फाइटर पायलट बन सकती हैं। अब भारत का नाम भी इसमें शामिल कर दिया गया है।
Created On :   22 Feb 2018 8:39 AM IST