Himachal Pradesh News: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश को आपदाग्रस्त प्रदेश किया घोषित, जानें क्या है आपदाग्रस्त होने का मतलब?

- हिमाचल प्रदेश हुआ आपदाग्रस्त प्रदेश घोषित
- सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया ऐलान
- विधानसभा में और भी अहम मुद्दों पर हुई चर्चा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में लगातार भारी बारिश का दौर जारी है। जिससे कई प्राकृतिक आपदाओं से हिमाचल प्रदेश जूझ रहा है। इन सबको देखते हुए ही, हिमाचल प्रदेश को आज से आपदाग्रस्त प्रदेश घोषित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में इसकी घोषणा की है। सीएम ने ये भी कहा है कि, प्रदेश में 21 अगस्त से मानसून एक्टिव हुआ है। तब से आज तक प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है, साथ में बादल फटने और लैंडस्लाइड जैसी परेशानियां भी लगातार देखने को मिल रही हैं।
सीएम ने क्या कहा?
सीएम ने ये भी कहा है कि, इस आपदा में सबसे ज्यादा प्रभावित जिले जो हैं उनमें चम्बा, कुल्लू, लाहौल स्पीती, मंडी, शिमला, कांगड़ा, हमीरपुर जैसे कुछ और जिले शामिल हैं। साथ ही उन्होंने कहा है कि, 3 हजार 56 करोड़ का प्रारंभिक नुकसान का अनुमान लगाया गया है। सबसे ज्यादा नुकसान सड़क, पुल, पानी और बिजली की संरचनाओं को हुआ है।
'निर्माण कार्यों पर लगी रोक'- सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू
मुख्यमंत्री का कहना है कि, हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ सभी पहाड़ी राज्यों की परेशानियां हमारी साझा परेशानियां हैं। ये सिर्फ एक भुगौलिक संकट नहीं है बल्कि राष्ट्रीय चिंता का विषय भी है। दिन पर दिन ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ रही है और इससे सबसे ज्यादा परेशानियां पहाड़ों को होती हैं। ऐसे ही में समय रहते ही चेतना और कार्रवाई आज की सबसे बड़ी जरूरत है। मैं केंद्र सरकार से आग्रह करता हूं कि भयंकर निर्माण कार्यों पर रोक लगाई जाए क्योंकि हमारे पहाड़ सिर्फ और सिर्फ पर्यटन स्थल नहीं बल्कि जीवन रक्षा के एक मजबूत स्तंभ हैं। प्राकृतिक आपदाओं में घर, पशुधन, और खेती-बाड़ी को भारी नुकसान हुआ है और हमारी सरकार इस कठिन समय में प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है।
आपदाग्रस्त होने का क्या है अर्थ?
आपदाग्रस्त प्रदेश होने का मतलब है कि, प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति को गंभीर समझते हुए सरकार ने इसे विशेष श्रेणी में रखा है। राज्य को केंद्र सरकार के साथ अन्य स्त्रोतों से राहत मिलती है और पुनर्वास के लिए ज्यादा से ज्यादा फंड और मदद मिलती है। राहत बचाव कार्य, पुनर्निमाण और पीड़ितों की मदद भी तेजी से होती है। यहां पर हर राहत बचाव कार्य को प्रायोरिटी में रखा जाता है।
Created On :   1 Sept 2025 6:20 PM IST