चारा घोटाला : वो 3 मामले, जिनमें लालू को हो चुकी है सजा
डिजिटल डेस्क, रांची। चारा घोटाला में फंसे बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव और RJD चीफ लालू प्रसाद यादव को एक के बाद एक झटके मिल रहे हैं। चारा घोटाले से जुड़े दो मामलों में लालू यादव को पहले ही सजा मिल चुके है और अब तीसरे केस में भी लालू को 5 साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही लालू पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। आइए आपको बताते हैं, क्या है चारा घोटाला और उससे जुड़े मामले?
1. चाईबासा ट्रेजरी, 5 साल की सजा
लालू यादव चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी मामले में तीसरी बार दोषी करार दिए गए हैं और उनको 5 साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही लालू पर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाा है। चाईबासा ट्रेजरी से 1992-93 में फर्जी तरीके से 35 करोड़ 62 लाख रुपए निकाले गए थे। इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था और 76 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और डॉ. जगन्नाथ मिश्रा का नाम शामिल है। सुनवाई के दौरान 14 आरोपियों की मौत हो चुकी है। बाकी बचे हुए आरोपियों में से दो सुशील कुमार झा और प्रमोद कुमार जायसवाल ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था, जबकि तीन आरोपी दीपेश चांडक, आरके दास और शैलेष प्रसाद सिंह सरकारी गवाह बन गए थे। बता दें कि ये तीसरा केस है जब लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्रा आरोपी हैं।
2. देवघर ट्रेजरी, साढ़े 3 साल की सजा
चारा घोटाले के देवघर ट्रेजरी केस में रांची की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 23 दिसंबर को फैसला सुनाया था। इस मामले में लालू प्रसाद यादव समेत 22 लोगों को आरोपी बनाया गया था। कोर्ट के जज शिवपाल सिंह ने फैसला देते हुए 6 आरोपियों को बरी कर दिया था, जबकि लालू प्रसाद यादव समेत 16 लोगों को दोषी करार दिया था। जबकि लालू प्रसाद यादव की सजा का एलान 6 जनवरी को किया गया। कोर्ट ने लालू को साढ़े 3 साल की कैद और 5 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है। 16 दोषियों में से 10 को कोर्ट ने साढ़े 3 साल की कैद और 5 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि 6 दोषियों को 7 साल की कैद और 10 लाख का जुर्माने की सजा सुनाई थी।
3. चाईबासा ट्रेजरी, 5 साल की सजा
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को पहली बार चाईबासा ट्रेजरी केस से ही जुड़े एक अन्य मामले में 5 साल की सजा हो चुकी है। 3 अक्टूबर 2013 को रांची के सीबीआई जज प्रवास कुमार सिंह ने चाईबासा ट्रेजरी से 37 करोड़ 7 लाख की अवैध निकासी के आरोप में 5 साल की सजा सुनाई गई थी और साथ ही 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया था। इसी मामले में लालू के अलावा डॉ. जगन्नाथ मिश्रा को भी 4 साल कैद और 21 लाख जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही लालू पर 11 साल तक चुनाव लड़ने पर भी बैन लगा दिया गया था। फिलहाल इस मामले में लालू जमानत पर रिहा हैं।
लालू के खिलाफ चल रहे हैं 5 मामले
चारा घोटाले से जुड़े 5 मामले लालू के खिलाफ चल रहे हैं। इनमें से 2 पर कोर्ट का फैसला आ चुका है। इनके अलावा लालू के खिलाफ रांची की सीबीआई कोर्ट में डोरंडा ट्रेजरी से 184 करोड़ रुपए की फर्जी निकासी, दुमका ट्रेजरी से 3 करोड़ 97 लाख और चाईबासा ट्रेजरी से अवैध निकासी के दो मामले हैं। इनमें पहला मामला 37 करोड़ 70 लाख का है, जिसमें लालू को 5 साल की सजा हो चुकी है और दूसरा मामला 35 करोड़ 62 लाख रुपए का है। इसके अलावा देवघर ट्रेजरी का केस है, जिसमें 89 लाख रुपए का गबन फर्जी तरीके से किया गया और हाल ही में इस पर फैसला आया है।
क्या है चारा घोटाला?
चारा घोटाला पहली बार साल 1996 में सामने आया, जब बिहार के पशुपालन विभाग में करोड़ों रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ था। उस वक्त लालू प्रसाद यादव की सरकार थी। ये घोटाला तकरीबन 950 करोड़ रुपए का है। बताया जाता है कि चारा घोटाला 1984 से चला आ रहा था और कुछ अधिकारी फर्जी तरीके से सरकारी खजाने को खाली कर रहे थे। इस घोटाले को सबसे पहले 1993 में विधायक दिलीप वर्मा ने विधानसभा में उठाया था। इस घोटाले में पहली बार 27 जनवरी 1996 को चाईबासा थाने में केस दर्ज किया और बाद में पटना हाईकोर्ट ने 11 मार्च 1996 को इसे सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया। इस घोटाले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव समेत 56 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें से कई आरोपियों की या तो मौत हो चुकी है या फिर सरकारी गवाह बन चुके हैं।
Created On :   24 Jan 2018 1:57 PM IST