ओलांद ने 24 घंटे में बदला बयान, कहा- रिलायंस को चुने जाने के बारे में दैसो कंपनी ही कुछ कह सकती है
- ओलांद ने ही सितंबर 2016 में राफेल डील पर पीएम मोदी के साथ हस्ताक्षर किए थे।
- फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद ने राफेल डील पर लिया यू टर्न
- रिलायंस को चुने जाने के बारे में हम कुछ नहीं कह सकते इस बारे में राफेल बनाने वाली दैसो कंपनी ही कुछ बता सकती है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद ने राफेल विवाद पर शुक्रवार को कहा था कि फ्रांस के सामने रिलायंस को स्थानीय भागीदार के रूप में चुनने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं था। भारत सरकार की ओर हमें रिलायंस डिफेंस का नाम दिया गया था। अगले 24 घंटे बाद देर रात ओलांद ने अपने बयान को बदलते हुए कहा कि रिलायंस को चुने जाने के बारे में हम कुछ नहीं कह सकते इस बारे में राफेल बनाने वाली दैसो कंपनी ही कुछ बता सकती है। बता दें कि ओलांद ने ही सितंबर 2016 में राफेल डील पर पीएम मोदी के साथ हस्ताक्षर किए थे।
फ्रांसुआ ओलांद ने मीडिया ने जब इस बारे में प्रश्न किया कि क्या भारत सरकार की तरफ से यह दबाव था कि रिलायंस और दैसोको एक साथ काम करना चाहिए ? तो इस पर ओलांद का कहना था इस बारे में वे कुछ नहीं जानते। इस बारे में दैसोकंपनी ही ज्यादा बेहतर बता सकती है। उन्हें इस बात को जरूर स्पष्ट किया है कि रिलायंस को चुनने में फ्रांस सरकार को कोई रोल नहीं है। भारत की रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि ये डील दो निजी कंपनियों के बीच हुई है। इसमें सरकार शामिल नहीं है। रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि “ओलांद के बयान की जांच की जा रही है। पहले ही कहा जा चुका है कि इस कमर्शियल फैसले में फ्रांस और भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं थी।” दैसो ने भी कहा कि एक अलग अनुबंध निजी कंपनियों के बीच हुआ है।
राफेल पर वार-पलटवार
राफेल डील पर सरकार और विपक्ष के बीच वार-पलटवार को दौरा जारी है। कांग्रेस राफेल पर सरकार घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। तो भाजपा नेता भी बचाव में बयान दे रहे है। शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस मे ंराहुल गांधी ने कहा, फ्रांस के राष्ट्रपति हमारे प्रधानमंत्री को चोर कह रहे हैं। राहुल ने कहा कि इस सौदेबाजी में 100 फीसदी भ्रष्टाचार हुआ है और देश का चौकीदार चोरी कर गया। राहुल के बयान के तुरंत बाद भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। रविशंकर प्रसाद ने कहा- राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ ओछी भाषा का प्रयोग किया। राहुल झूठे और गैरजिम्मेदाराना बयान देकर देश की सुरक्षा से खेलना बंद करें।
यूपीए ने 526 करोड़ में खरीदा था राफेल
राहुल गांधी ने कहा कि जो हवाई जहाज 526 करोड़ का यूपीए सरकार ने खरीदा, वो नरेंद्र मोदीजी ने अंबानीजी की जेब में पैसा डालने के लिए 1600 करोड़ में खरीदा। सच्चाई यह है कि लोग एक के बाद एक झूठ बोल रहे हैं। यह झूठ किसको बचाने के लिये बोल रहे हैं? पता नहीं। 30 हजार करोड़ रुपए का मुफ्त तोहफा मोदी जी ने अनिल अंबानीजी को दिया है।
रिलायंस का रोग से करार
ओलांद ने अपने करीबी बिजनेस पार्टनर और रोग इंटननेशनल के मालिक जूली गाए को लेकर कहा, मुझे याद नहीं आता कि जूली गाए का किसी फिल्म प्रोडक्शन से संबंध है। लिहाजा, रिलायंस को किसी भी बात के लिए मेरा शुक्रिया अदा करने की जरूरत नहीं है। ओलांद ने यह टिप्पणी इन आरोपों के संदर्भ में की कि अनिल अंबानी की रिलायंस एंटरटेनमेंट ने जूली की कंपनी रोग इंटरनेशनल के साथ एक फ्रेंच फिल्म बनाने को लेकर करार किया था। 24 जनवरी 2016 को जब रिलायंस एंटरटेनमेंट ने रोग इंटरनेशनल के साथ करार किया था, तब ओलांद भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 36 राफेल एयरक्रॉफ्ट के लिए एक एमओयू साइन कर रहे थे।
Created On :   23 Sept 2018 8:01 AM IST