धर्म संसद में ऐलान, 21 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास
- इस बीच धर्म संसद ने फैसला लिया है कि 21 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया जाएगा।
- इसके लिए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती 10 फरवरी को कूच करेंगे।
- लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बीच धर्म संसद ने फैसला लिया है कि 21 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया जाएगा। इसके लिए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती साधु संतो के साथ 10 फरवरी को अयोध्या कूच करेंगे। स्वामी स्वरूपानंद ने राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए पत्थर भी मंगा लिए है। इन्हें मनकामेश्वर मंदिर में रखा गया है। इनका नाम "नंदा, भद्रा, पूर्णा और जया" है।
प्रयागराज में बीते तीन दिनों से धर्म संसद चल रही है। इस धर्मसंसद को शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने बुलाया था। बुधवार को धर्म संसद का आखिरी दिन था। इसमें पूरे दिन राम मंदिर निर्माण पर चर्चा हुई और चर्चा के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव लाया गया जो पारित भी हो गया। इस दौरान स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि अयोध्या में मस्जिद नहीं, मंदिर तोड़ा गया था। बसंत पंचमी के बाद हम प्रयाग से अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे। उसके लिए हमें अगर गोली भी खानी पड़ी या जेल भी जाना पड़े तो हम तैयार हैं।अगर इस काम में सत्ता के तीन अंगों में से किसी के द्वारा अवरोध डाला गया तो हम संपूर्ण हिंदू जनता को धर्मादेश जारी करते हैं कि जबतक मंदिर निर्माण नहीं हो जाता, तबतक हर हिंदू का यह कर्तव्य होगा कि वह गिरफ्तारी देनी हो तो गिरफ्तारी दें। बता दें कि साधु संत पहले ही चेतावनी दे चुके है कि अब राम मंदिर के लिए और इंतजार नहीं किया जा सकता। परमधर्म संसद ने ऐलान किया कि प्रयागराज से अयोध्या कूच करेंगे और जहां रामलला का जन्म हुआ था वहां मंदिर की आधारशीला रखेंगे।
Swaroopanand Saraswati: We will lay the foundation stone (of Ram temple) there on 21st Feb, 2019...We are not violating any order of the Court. Until the High Court"s order is quashed by the Supreme Court, it is still applicable. Wahan Ram Lalla virajman hain, wo janmbhoomi hai. pic.twitter.com/GaLIFccAcf
— ANI UP (@ANINewsUP) January 30, 2019
इससे पहले केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर गैरविवादित 67 एकड़ भूमि को हिंदू पक्षकारों को सौंपने की अपील की है। केंद्र सरकार के इस कदम पर बाबरी मस्जिद के दूसरे पक्षकार हाजी महबूब ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। हाजी ने कहा था, "यह राजनीतिक खेल है इससे 1990 जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। न्यास को जमीन देने की मंशा सरकार ने जाहिर कर दी है जबकि अधिग्रहण के मकसद में साफ कहा गया है कि जिसके पक्ष में फैसला आएगा, उसे इसका हिस्सा आवंटित किया जाएगा।" उन्होंने कहा था कि विवादित भूखंड को छोड़ कर कहीं भी मंदिर निर्माण किया जाए हमें ऐतराज नहीं है पर विवादित 2.77 एकड़ सुरक्षित रहना चाहिए। ऐसे में धर्म संसद के अयोध्या में शिलान्यास के फैसले के बाद एक बार फिर माहौल गर्मा गया है।
Created On :   30 Jan 2019 1:06 PM GMT