भारत दौरे पर आ रहे फ्रांस के प्रेसिडेंट, पीएम मोदी के साथ करेंगे नौका विहार
डिजिटल डेस्क, वाराणसी। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भारत दौरे पर आ रहे है। 12 मार्च को मैक्रों प्रधानमंत्री मोदी के साथ करीब 6 घंटे बनारस में रहेंगे। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों दूसरे विदेशी मेहमान होंगे जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी की सैर कराएंगे। वहीं पीएम इमैनुएल मैक्रों को बनारसी हस्तकला की कारीगरी दिखाने के साथ ही उसकी बारीकी के बारे में भी बताएंगे। जिला प्रशासन ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी है। बता दें की फ्रांस के राष्ट्रपति अपने चार दिवसीय दौरे के लिए 9 मार्च को इंडिया पहुंच रहे है। 12 तारीख तक वह इंडिया में रहेंगे।
सौर उर्जा पावर प्लांट का उद्धाटन
पीएमओ से जिला प्रशासन को मिली प्रारंभिक सूचना के मुताबिक 12 मार्च को दोनों नेता सुबह 11 बजे विमान से बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां से वह मिर्जापुर जाएंगे, जहां दादर कला गांव में 75 मेगावाट सौर उर्जा पावर प्लांट का उद्धाटन करेंगे। मिर्जापुर से हेलीकाप्टर से वह बड़ा लालपुर के पं. दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल पहुंचेंगे। यहां पर वह विश्व प्रसिद्ध बनारसी साडि़यों की चमक के साथ हैंडलूम का ताना-बाना, भदोही की कालीन और कारीगरों को शिल्प उत्पादों को बनते देखेंगे। पीएम मैक्रों को बनारसी हस्तकला की कारीगरी के बारे में बताएंगे। साथ ही मैक्रों को बनारसी वस्त्र से जुड़ी कुछ चीजें उपहार स्वरूप भेंट करेंगे।
होगा खास होली मिलन समारोह
बनारस के फेमस 80 घाट पर पर्यटन विभाग की ओर से फ्रांस के राष्ट्रपति का स्वागत करने के लिए रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। अस्सी घाट से नौका विहार करते हुए पीएम मोदी और इमैनुअल मैक्रों दशाश्वमेध घाट पहुंचेंगे और घाट किनारे बने खूबसूरत ब्रजरामा पैलेस में लंच करेंगे। यहां से दोनों ताज नदेसर पैलेस जाएंगे। नदेसर पैलेस में राष्ट्रपति का दरबार सजेगा। फ्रांस के राष्ट्रपति को भारतीय संस्कृति एवं बनारसी मस्ती से रूबरू कराने के लिए नदेसर पैलेस में गुलाब बाड़ी यानी गुलाब के फूलों के बगीचे में खास होली मिलन समारोह होगा। शाम को दोनों नेता दिल्ली लौट जाएंगे। प्रारंभिक प्रोटोकॉल में गंगा आरती देखने का कार्यक्रम नहीं है, लेकिन इसके लिए भी सारी तैयारी पूरी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
ठहर चुके है ये दिग्गज
बता दें कि नदेसर पैलेस का नाम नदेश्वरी देवी के नाम पर महराज बनारस ने 19वीं शताब्दी के बाद रखा था। 18वीं शताब्दी के आखिर में महराजा बनारस ने जेम्स प्रिंसेप के कहने पर मेहमानों के लिए नदेसर कोठी बनवाया था। उस समय जेम्स प्रिंसेप बनारस के प्राचीन इतिहास पर काम कर रहे थे। काशी स्टेट की इस ऐतिहासिक नदेसर कोठी में किंग जॉर्ज से लेकर ईरान, अरब, व नेपाल के राजा, ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ठहर चुके हैं।
Created On :   5 March 2018 7:28 PM IST