निर्भया कांड की पांचवीं बरसी पर जमकर लोगों का फूटा गुस्सा, सीएम को छोड़ना पड़ा मंच

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के बहुचर्चित निर्भया कांड की पांचवी बरसी पर जमकर सियासत की गई। 16 दिसंबर 2012 को हुए गैंगरेप और पीड़िता की याद में एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम रखा गया हैं। घटना को याद करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि महिलाओं की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए हैं। केजरीवाल और दिल्ली बीजेपी के मुखिया मनोज तिवारी की मौजूदगी में जनता ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। नौबत यहां तक आ गई कि सीएम को अपना संबोधन रोक कर कार्यक्रम स्थल छोड़ना पड़ा। आम आदमी पार्टी ने इस घटना के लिए बीजेपी को खरी-खोटी सुनाई। पार्टी के ट्वीट में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी के निजी सहायक और पार्टी प्रवक्ता राजीव बब्बर को निर्भया के नाम पर हो रहे कार्यक्रम में हंगामा कराने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। पार्टी ने बीजेपी नेताओं को चेताया है कि दिल्ली उन्हें कभी माफ नहीं करेगी।
सीएम के भाषण के दौरान लोगों का फूटा गुस्सा
निर्भया की याद में उसके माता-पिता हर साल 16 दिसंबर को निर्भया चेतना दिवस मनाते हैं। इस बार भी शनिवार को कांस्टीट्यूशन क्लब में ये कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सबसे पहले निर्भया को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद दो मिनट के मौन के साथ दिल्ली समेत देशभर में महिलाओं की सुरक्षा पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है और इसी के तहत उन सभी जगहों पर CCTV कैमरे लगाए जाएंगे जो महिला सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील हैं। उनका इतना कहना था कि वहां पर हंगामा शुरू हो गया।
तभी दर्शकों के बीच बैठी एक महिला ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया। उसने कहा कि "क्या 5 साल से केजरीवाल सरकार सो रही थी।" उस महिला के साथ बहुत सारे लोग हंगामा करने लगे और सीएम के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। स्थिति बिगड़ती देख मुख्यमंत्री केजरीवाल भाषण बीच में ही छोड़कर वहां से निकल गए। हंगामे से पहले केजरीवाल ने कहा कि वो निर्भया के माता-पिता की हिम्मत की दाद देते हैं जिन्होंने तमाम बाधाओं के बावजूद इंसाफ की लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार इस मुद्दे पर दिल्ली महिला आयोग के जरिए किए जा रहे कार्यों के साथ है।
कार्यक्रम में निर्भया को याद करते हुए उनकी मां आशा देवी की आंखें छलक आर्इं। उन्होंने कहा कि 5 साल बाद भी लोगों के नजरिए और न्याय व्यवस्था की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं आया है। देश को निर्भया के लिए खड़ा हुआ देखा तो लगा था कि हालात बदल जाएंगे, लेकिन बेटियां अब भी दरिंदगी का शिकार बन रही हैं।
Created On :   17 Dec 2017 12:51 PM IST