9 साल पहले गुम बेटी की तलाश में आए, लेकिन गीता नहीं पहचान पाई

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। दो साल पहले पाकिस्तान से भारत लौटी मूक-बधिर गीता के माता-पिता की गुत्थी अब तक उलझी हुई है। झारखंड के जिस दंपति ने गीता को अपनी खोई हुई बेटी बताया था, उसी बेटी ने उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया है। अब सरकार दंपति के दावे की पुष्टि के लिए उनका DNA टेस्ट करवाएगी।
पिछले एक दशक से पाकिस्तान में रह रही गीता जब भारत लाई गई तो झारखंड के गढ़वा जिले के बांदू गांव के विजय राम और उनकी पत्नी माला देवी ने दावा किया कि गीता उनकी लापता बेटी टुन्नी कुमारी उर्फ गुड्डी है। उनके मुताबिक उनकी बेटी टुन्नी नौ साल पहले बिहार के रोहतास जिले में अपने ससुराल से लापता हो गई थी। शुक्रवार को विजय राम और माला देवी को इंदौर के कलेक्टर कार्यालय में गीता से मिलवाया गया, लेकिन गीता ने परिवार को पहचानने से इनकार कर दिया।
गीता और परिवार की मुलाकात के वक्त, वहां इंदौर कलेक्टर निशांत वरवड़े सहित विदेश मंत्रालय, झारखंड के गरवाह जिला प्रशासन के अधिकारी और सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित मौजूद रहे।
गीता को बचपन की घटनाएं याद दिलाने की कोशिशें
रिपोर्ट्स के मुताबिक एक बंद कमरे में लगभग 45 मिनट तक मुलाकात चली। उस दौरान परिवार ने सांकेतिक भाषा विशेषज्ञों की मदद से गीता को अपने नजदीकी रिश्तेदारों के बारे में बताया और परिवार ने गीता को कई पुरानी बाते याद दिलाने की कोशिश की, लेकिन गीता ने सभी बातों से इनकार कर दिया या हो सकता है कि वो याद नहीं कर पा रही हो।
असमंजस की स्थिति में सभी अधिकारियों और परिवार ने DNA टेस्ट का फैसला किया। निशांत वरवड़े ने बताया कि गीता का DNA नमूना दिल्ली में पहले ही सुरक्षित रखा है। झारखण्ड के दम्पति के DNA नमूने ले लिए गए हैं, जिन्हें जांच के लिये दिल्ली की एक प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। डीएनए मिलान के परीक्षण की रिपोर्ट एक हफ्ते में आने की उम्मीद है। बहरहाल, सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित की मानें तो गीता झारखंड के परिवार से मुलाकात के दौरान सहज नहीं थी और विशेषज्ञों के जरिये इस मूक-बधिर युवती की उचित काउंसलिंग की जरूरत है।
26 अक्टूबर 2015 को पाकिस्तान से भारत लाई गई गीता
गौरतलब है कि गीता को 26 अक्टूबर 2015 को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की कोशिश के बाद भारत लाया गया था। इसके अगले ही दिन उसे इंदौर में मूक-बधिरों के लिए चलाई जा रही गैर सरकारी संस्था के आवासीय परिसर भेज दिया गया था। तब से वो यहीं रह रही है। गीता 9 साल पहले गलती से सीमा लांघने के कारण पाकिस्तान पहुंच गई और पाकिस्तानी रेंजर्स को समझौता एक्सप्रेस में लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिली थी। इस मूक-बधिर लड़की को पाकिस्तान की सामाजिक संस्था ईदी फाउंडेशन की बिलकिस ईदी ने गोद लिया और अपने साथ कराची में रखा था।
Created On :   28 Oct 2017 8:59 AM IST