अगले पांच साल में बदल जाएगी रेलवे की तस्वरी : जनरल मैनेजर, सेंट्रल रेलवे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की धीमी गति को बढ़ाने के लिए कार्यपद्धति में कई बदलाव किए गए हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर कामकाज में तेजी आई है। पिछली सरकार में औसत इंफ्रास्ट्रक्चर कैप को अगर देखा जाए, तो वह लगभग 50 हजार करोड़ रुपए था, लेकिन इस साल यह 1 लाख 48 हजार करोड़ रुपए तक बढ़ा है। अगले पांच साल में पूरे भारतीय रेलवे का इलेक्ट्रिफिकेशन होना है। सेंट्रल रेलवे के जनरल मैनेजर देवेंद्र कुमार शर्मा ने यह बातें कही है। उन्होंने कहा कि अगले तीन से पांच साल में कई बड़े बदलाव होंगे, जिसमें हाई स्पीड से लेकर सेमिहाईस्पीड, इलेक्ट्रिफिकेशन से लेकर स्टेशनों का विकास होगा। इंफ्रा प्रोजेक्ट्स में थोड़ा समय लगता है, लेकिन अगले पांच सालों में तस्वीर बदलेगी।
देवेंद्र कुमार ने बताया, नागपुर स्टेशन में प्रस्तावित फुटओवर ब्रिज में हर प्लेटफॉर्म को एस्कलेटर से जोड़ा जाएगा। यही नहीं आस पास के सेवाग्राम - वर्धा जैसे स्टेशनों में भी एस्कलेटर बनाए जाएंगे। मार्च तक प्रयास किया जा रहा है कि सेंट्रल रेलवे में एलईडी लाइटिंग लगाई जा सके। पहले फेज में 10 मेगा वॉट बिजली सौर ऊर्जा से पैदा करने का भी लक्ष्य साधा जा रहा है। इससे हमारी ऊर्जा खपत कम होगा, जिससे बचत होगी। पर्यावरणप्रिय ढंग से काम करने के लिए खाली जगहों में गार्डन और पौधारोपण अभियान को बढ़ावा दिया जा रहा है। रेलमंत्री ने फुट ओवर ब्रिज, प्लेटफॉर्म, पाथवे, एस्कलेटर आदि के लिए पहले पैसेंजर एमनेटीज़ फंड से पैसा मिलता था लेकिन अब इसे सेफ्टी फंड से जोड़ा गया है, जिससे अब यह सुविधा मुहैया कराना न होकर यात्रियों की सुरक्षा से उसे जोड़ कर देखा जा रहा है। लिहाजा इन चीजों के लिए कभी निधि की कोई कमी नहीं रहेगी। बीते साल 140 करोड़ रुपए इन चीजों के लिए मिले थे लेकिन अब 200 करोड़ रुपए दिया जाता है।
देवेंद्र कुमार ने आश्वस्त किया कि इटारसी-नागपुर तीसरी रेल लाइन के चल रहे काम को जल्द पूरा किया जाए। इसी तरह नागपुर-वर्धा के बीच तीसरी और चौथे रेल लाइन का काम चल रहा है। इटारसी-बल्लारशाह तीसरे लाइन का काम पहले से ही मंजूर है। ढांचागत विकास को बढ़ावा देने के लिए काफी फोकस किया जा रहा है।
नीर प्लांट जून और लॉन्ड्री प्लांट मार्च तक
आईआरसीटीसी बूटीबोरी में रेल नीर प्लांट तैयार कर रहा है। जून तक इसे पूरा करने का टार्गेट है। अब स्टेशनों में रेल नीर ही मिलेगा। हालांकि देवेन्द्र कुमार ने यह भी साफ किया कि निजी कम्पनियों की पानी की बोतलों की सप्लाय करने वाली कम्पनियों के साथ कोई करार नहीं हुआ है, लेकिन रेल नीर की आपूर्ति न हो पाने की स्थिति में सूचीबद्ध कम्पनियों के पानी को अनुमति प्रदान की जाती है। हर स्टेशन पर प्लान किया जा रहा है कि सेंट्रल रेलवे स्टेशनों में रेल नीर ही मिले। नागपुर में इस मार्च तक लॉन्ड्री बनकर पूरा हो जाएगा। पुना में भी इसे जल्द पूरा कर मध्य रेलवे लॉन्ड्री सेवा के लिए पूरी तरह आत्मनिर्भर होने का लक्ष्य साथ रही है।
नागपुर स्टेशन में बदलाव
नागपुर स्टेशन को विकसित करने के लिए महाराष्ट्र परिवहन और मध्य प्रदेश परिवहन के साथ डिफेंस की भूमि जमीन को काम करने पर जोर दिया जा रहा है। यहां से प्रतिसाद भी अच्छा मिल रहा है। इनके सहारे कई विकास कार्य किए जाएंगे। आनेवाले कुछ महीनों में नागपुर स्टेशन में काफी सुधार हुआ है।
इंटर सिटी नहीं पैसेंजर को मेमू ट्रेन बनाने का लक्ष्य
इटारसी-नागपुर के बीच इंटरसिटी चलाई जाएगी। पैसेंजर हॉल्ट ट्रेनों को हटाकर मेमू ट्रेनों पर हमेशा विचार किया जाता है। साथ ही मुंबई-हावड़ा और मुंबई चेन्नई लाइन को सेमि हाईस्पीड अर्थात 160 प्रति घंटे की रफ्तार से किया जा रहा है।
Created On :   6 Feb 2018 11:56 PM IST