जेंटलमैन का गंदा गेम : क्राइम ब्रांच लंदन में, दिल्ली पुलिस के पूर्व अफसर भी कर सकते हैं चावला से पूछताछ

Gentlemans Dirty Game: In Crime Branch London, former Delhi Police officer can also interrogate Chawla
जेंटलमैन का गंदा गेम : क्राइम ब्रांच लंदन में, दिल्ली पुलिस के पूर्व अफसर भी कर सकते हैं चावला से पूछताछ
जेंटलमैन का गंदा गेम : क्राइम ब्रांच लंदन में, दिल्ली पुलिस के पूर्व अफसर भी कर सकते हैं चावला से पूछताछ
हाईलाइट
  • जेंटलमैन का गंदा गेम : क्राइम ब्रांच लंदन में
  • दिल्ली पुलिस के पूर्व अफसर भी कर सकते हैं चावला से पूछताछ (आईएएनएस विशेष)

नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। जेंटलमैन गेम में चल रहे सट्टे के काला-कारोबार ने 19 साल बाद एक बार फिर तमाम कथित इज्जतदार धन्नासेठों और मशहूर क्रिकेटरों के होश फाख्ता कर रखे हैं। इसकी वजह है लंदन में मौजूद दो लोग। पहला, क्रिकेट की दुनिया में सट्टेबाजी का गुरु और अंतर्राष्ट्रीय मोस्ट वांटेड सटोरिया संजीव चावला। दूसरा, दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के डीसीपी डॉ. जी. रामगोपाल नायक।

19 साल में जब तक ईमानदारी से हिंदुस्तानी हुकूमत ने दृढ़ इच्छा-शक्ति से ईमानदार पहल नहीं की थी, तब तक क्रिकेट में घुसे सेठ सटोरिये दुम दबाकर छिपे बैठे थे। दृढ़ इच्छा-शक्ति की धनी मौजूदा मोदी और शाह की सरकार ने जैसे ही करवट ली। क्रिकेट को काला करने वालों के होश उड़ गए। केंद्रीय गृह और विदेश मंत्रालय की हरी झंडी मिलते ही दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम लंदन जा पहुंची। क्रिकेट की दुनिया में सट्टे के काले-कारोबार के सबसे बड़े मोहरे को पाने की चाहत में।

संजीव चावला को पाने की उम्मीद में, करीब दस दिन से दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की एक टीम लंदन में डेरा डाले है। टीम का नेतृत्व डीसीपी (उपायुक्त) डॉ. जी. रामगोपाल नायक कर रहे हैं। अपराध शाखा के लाव-लश्कर में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के डीसीपी के साथ कुछ अन्य अफसरान भी पहुंचे हैं।

अपराध शाखा की टीम के लंदन पहुंचने की पुष्टि आईएएनएस से नाम न जाहिर करने की शर्त पर शुक्रवार को दिल्ली पुलिस के ही एक स्पेशल कमिश्नर स्तर के आला-अफसर ने की। दिल्ली पुलिस मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, संजीव चावला अगर इस दौरे में क्राइम ब्रांच की टीम को प्रत्यर्पण संधि के तहत लंदन से मिल जाता है तो सन 2001 में संजीव चावला के क्रिकेट में काले कारनामों का भांडा फोड़ने वाली पुलिस टीम के पुराने अफसरों को भी दिल्ली में इकट्ठा किया जायेगा।

संजीव चावला से उस वक्त टीम में रहे दिल्ली पुलिस के अफसर ही ज्यादा बेहतर बातें उगलवा पायेंगे। सन 2001 में जिस टीम ने संजीव चावला के मास्टर माइंड सटोरिये साथियों को पकड़ा था, उनमें चार अफसर प्रमुख थे। इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह, जो इन दिनों पदोन्नत होकर दिल्ली के ही सफदरजंग इन्क्लेव सब-डिवीजन में सहायक पुलिस आयुक्त यानी एसीपी पद पर तैनात हैं।

दूसरे उस वक्त टीम में एसीपी रहे दानिप्स सेवा के अफसर ऋषिपाल। ऋषिपाल को बाद में आईपीएस कैडर मिल गया। आजकल ऋषिपाल मिजोरम में पुलिस उप-महानिरीक्षक (डीआईजी) के पद पर तैनात हैं। उस वक्त क्रिकेट में सट्टेबाजी के काले कारोबार का भंडाफोड़ करने वाली टीम में कमर अहमद दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के एडिश्नल कमिश्नर होते थे। कमर अहमद कई साल पहले रिटायर हो चुके हैं। जबकि उस वक्त क्राइम ब्रांच के डीसीपी (उपायुक्त) रहे मुकुंद उपाध्याय रिटायरमेंट के बाद से दिल्ली मेट्रो रेल सेवा में लगे हैं।

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने शुक्रवार को नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया, सन् 2001 में जिन पुलिस अफसरों ने क्रिकेट में चल रहे इस काले कारोबार का भंडाफोड़ किया था। वे सब अभी भी देश में मौजूद हैं। एक अफसर ऋषिपाल को छोड़कर बाकी सब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मौजूद हैं। अगर संजीव चावला भारत को सौंपा जाता है तो दिल्ली पहुंचने पर 19 साल पहले इस मामले का भंडाफोड़ करने वाली टीम के अफसर भी उससे पूछताछ कर सकते हैं। इससे कहीं ज्यादा बेहतर परिणाम सामने आ सकते हैं।

 

Created On :   17 Jan 2020 9:30 PM IST

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