सरकार ने संसद में बताया, आईएस 12 भारतीय राज्यों में सबसे ज्यादा सक्रिय

Government told in Parliament, IS is most active in 12 Indian states
सरकार ने संसद में बताया, आईएस 12 भारतीय राज्यों में सबसे ज्यादा सक्रिय
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नई दिल्ली, 16 सितम्बर (आईएएनएस)। सुन्नी जिहादियों के समूह इस्लामिक स्टेट ने हाल के वर्षों में 12 भारतीय राज्यों में अपना आधार स्थापित किया है।

ईरान और सीरिया स्थित आतंकवादी संगठन केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और जम्मू कश्मीर में सबसे ज्यादा सक्रिय है।

इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने 2014 के बाद से सीरिया और इराक के अधिकांश हिस्सों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है और बांग्लादेश, माली, सोमालिया और मिस्र जैसे देशों में उसकी शाखाएं हैं। लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा जैसे अन्य आतंकी संगठनों के साथ उसके संबंध हैं। भारत में अपनी विचारधारा को फैलाने के लिए आईएस इंटरनेट आधारित विभिन्न सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल कर रहा है।

समूह में शामिल होने वाले विभिन्न राज्यों के व्यक्तियों के कई उदाहरण केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों की नजर में आए हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद विनय पी. सहस्रबुद्धे के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्य सभा में भारत के विभिन्न राज्यों में आईएस के बढ़ते आधार पर जानकारी प्रदान की है।

रेड्डी ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा जांच में पता चला है कि आईएस केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और जम्मू एवं कश्मीर में सबसे अधिक सक्रिय है।

उन्होंने बताया कि भारत की आतंकवाद-रोधी एजेंसी एनआईए ने दक्षिणी राज्यों तेलंगाना, केरल, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में आतंकी गुट की मौजूदगी के संबंध में 17 मामले दर्ज किए और 122 लोगों को गिरफ्तार किया है।

उन्होंने बताया, इस्लामिक स्टेट, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया, दाएश, इस्लामिक स्टेट इन खोरासान प्रॉविन्स (आईएसकेपी), आईएसआईएस विलायत खोरासान, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और शाम-खोरासान को केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून, 1967 के तहत प्रथम अनुसूची में शामिल कर उन्हें आतंकी संगठन घोषित किया है।

मंत्री ने बताया कि अपनी विचारधारा को फैलाने के लिए आईएस इंटरनेट आधारित विभिन्न सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल कर रहा है। इसे देखते हुए संबद्ध एजेंसियां साइबर स्पेस की सतत निगरानी कर रही हैं और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाती है।

मंत्री ने बताया, सरकार के पास सूचना है कि इन लोगों को वित्त कैसे मुहैया कराया जा रहा है और अपनी आतंकी गतिविधियों को संचालित करने के लिए उन्हें विदेशों से कैसे मदद मिल रही है।

एकेके/एएनएम

Created On :   16 Sept 2020 7:01 PM IST

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