कांग्रेस में एक बार फिर छिड़ी 'जोश बनाम अनुभव' की बहस

Grace has renewed the debate of young Josh vs. experience again
कांग्रेस में एक बार फिर छिड़ी 'जोश बनाम अनुभव' की बहस
कांग्रेस में एक बार फिर छिड़ी 'जोश बनाम अनुभव' की बहस

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। गुजरात राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल कर अहमद पटेल भले ही 5वीं बार राज्यसभा मे एंट्री करने में कामयाब हो गए, लेकिन उनकी जीत ने कांग्रेस के अंदर एक बार फिर युवा लीडरशिप और सीनियर्स की बहस को हवा दे दी है। पटेल की जीत ने ये साबित कर दिया है कि पार्टी के आगे बढ़ने के लिए आज भी जोश से ज्यादा अनुभव की आवश्कता है। बता दें कि राहुल गांधी के बढ़ते कदम और जल्द ही पार्टी अध्यक्ष के रूप में गद्दी पर बैठने की खबरों की वजह से पार्टी में युवा जोश के हावी होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। 

पटेल की जीत के रहस्य "अनुभव"
कांग्रेस के "ओल्ड लेकिन गोल्ड" कहे जाने वाले पटेल को ये जीत यूं ही नहीं मिली है। बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव में पटेल की हार के लिए हर सियासी दांव चला, हर मुमकिन कोशिश की उन्हें हराने की, पर पटेल ने इन सब चालों को एक ही झटके में नाकाम कर दिया। पटेल की इस जीत ने पार्टी के कुछ नेताओं को ये एहसास दिला दियाकि आने वाले समय में बीजेपी से टक्कर के लिए "अनुभव" एक राम बाण की तरह काम करेगा। बता दें कि कांग्रेस में यंग बनाम ओल्ड की लड़ाई काफी वक्त से चली आ रही है। 2014 में पार्टी को मिली करारी शिकस्त और उस वक्त पार्टी के काम करने के तरीकों पर सवाल उठने के बाद यह बहस और तेज हो गई।

राहुल vs सोनिया 
हाल ही में हुई कुछ घटनाओं ने राहुल खेमे और पुरानी पीढ़ी के मनमुटाव की खबरों को हवा दी है। कुछ लोग राहुल गांधी द्वारा अहमद पटेल को राज्यसभा जीत पर टि्वटर के जरिए बधाई न देने को इससे जोड़ कर देख रहे हैं। हालांकि, पटेल यह कह चुके हैं कि उन्होंने जीत के एक दिन पहले ही राहुल गांधी को फोन किया था। बात बस यहीं तक ही सीमित नहीं है, दरअसल पार्टी के पुराने नेता लोगों के चुनाव और पार्टी फोरम में रखे गए आइडियाज को लेकर सहमत नहीं हैं। 

हालांकि कांग्रेस को नीतीश कुमार पर दांव खेलना भारी पड़ गया। पार्टी ने नीतीश को महागठबंधन का नेता बनाया और बिना सियासी पकड़ के आगे बढ़ती रही। जिससे नीतीश को बिना किसी नुकसान के 2 साल बाद गठबंधन तोड़ बीजेपी के साथ हाथ मिलाने में मदद मिली। नीतीश के लगातार फेवर के लिए पार्टी के नेता राहुल गांधी को जिम्मेदार मानते हैं। 
अब देखना ये है कि कांग्रेस कैसे बीजेपी के जाल को तोड़ आगे निकलती है? साथ ही ये देखना भी दिलचस्प होगा कि युवा लीडर और अनुभवी हाथों के बीच, कोई रास्ता निकल पाता है या नहीं?
 

Created On :   12 Aug 2017 1:14 PM IST

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