दिल्ली HC ने CBSE से पूछा, कब होंगे 10वीं कक्षा के री-एग्जाम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने अब तक मैथ्स पेपर के री-एग्जाम की तारीख का ऐलान नहीं किया है। इसे लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की गई है। सोमवार को कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए CBSE को 16 अप्रैल तक का समय दिया है। CBSE को 16 अप्रैल तक पेपर कराने को लेकर फैसला लेते हुए कोर्ट को अवगत कराना होगा। ऐक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरि शंकर की बेंच ने संभावित दोबारा परीक्षा के बारे में ये जानकारी मांगी है।
जुलाई में परीक्षा "सिर पर तलवार लटकाने" जैसा
CBSE ने कोर्ट को बताया कि वह दोबारा परीक्षा कराने के लिए तारीख के ऐलान से पहले मामले की जांच में जुटी है। वह यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि लीक किस स्तर पर हुआ था। पेपरलीक देशभर में हुआ था या फिर ये दिल्ली और हरियाणा तक ही सीमित था। जिसके बाद कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए CBSE से पूछा कि वह जुलाई तक दोबारा परीक्षा का इंतजार कैसे करेंगे और तब तक छात्रों को कैसे लटकाए रखेंगे। जुलाई में दोबारा परीक्षा कराना न सिर्फ छात्रों के एक अकैडमिक इयर की बर्बादी है बल्कि यह उनके "सिर पर तलवार लटकाने" के बराबर है। हाई कोर्ट ने कहा कि 10वीं क्लास छात्रों के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वे अपने रिजल्ट के आधार पर तय करते हैं कि 11वीं और 12वीं में वे किस स्ट्रीम में पढ़ाई करेंगे। हाईकोर्ट ने CBSE को 14 दिनों का समय देते हुए 16 तारीख पर री-एग्जाम की तारीख पर जवाब देने को कहा है।
कोर्ट की निगरानी में जांच पर मांगा रुख
वहीं कोर्ट ने CBSE और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर पेपरलीक मामले की कोर्ट के निगरानी में जांच की मांग वाली याचिका पर भी उनका रुख पूछा है। हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में 10वीं के गणित और 12वीं के अर्थशास्त्र के हालिया पेपर लीक मामले की कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की गई है। बता दें कि CBSE का 12वीं इकोनॉमिक्स और 10वीं मैथ्स का पेपर लीक हो गया था। जिसके बाद बोर्ड ने 25 अप्रैल को देशभर में इकोनॉमिक्स का पेपर कराए जाने का ऐलान किया है। वहीं जांच के चलते मैथ्स के पेपर की तारीख का ऐलान अब तक CBSE नहीं कर पाया है। क्योंकि अब तक ये पता नहीं चल पाया है कि पेपर देश भर में कहा-कहा पर लीक हुआ था।
Created On :   2 April 2018 6:03 PM IST