हाईकोर्ट ने फीस वृद्धि के खिलाफ निफ्ट के छात्रों की याचिका खारिज की

High court dismisses NIFT students plea against fee hike
हाईकोर्ट ने फीस वृद्धि के खिलाफ निफ्ट के छात्रों की याचिका खारिज की
हाईकोर्ट ने फीस वृद्धि के खिलाफ निफ्ट के छात्रों की याचिका खारिज की
हाईलाइट
  • हाईकोर्ट ने फीस वृद्धि के खिलाफ निफ्ट के छात्रों की याचिका खारिज की

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) के चौथे वर्ष के छात्रों की ओर से फीस वृद्धि के खिलाफ दायर एक याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने इसे एकतरफा और तर्कहीन करार दिया।

न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने कहा, इस अदालत द्वारा किसी भी हस्तक्षेप के लिए कोई आधार नहीं है। वर्तमान याचिका में कोई योग्यता नहीं है और इसे खारिज कर दिया गया है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील अभिक चिमनी ने आग्रह किया कि फीस बढ़ोतरी की प्रणाली पूरी तरह से गलत है और इसमें पारदर्शिता नहीं है।

चिमनी ने दलील दी कि यह स्पष्ट नहीं है कि निफ्ट शैक्षणिक कार्यक्रम अध्यादेश 2012 के खंड 5 (1) के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर भी रहा है या नहीं।

वकील ने आगे आग्रह करते हुए कहा कि एनआरआई कोटा छात्रों के लिए फीस वृद्धि अत्यधिक हो गई है और अब उन्हें सालाना नौ लाख रुपये से अधिक का भुगतान करना होगा।

हालांकि परिपत्र (सर्कुलर) के माध्यम से जानकारी मिलने के बाद पीठ ने इस बात पर भी गौर किया कि कोविड-19 महामारी के बीच, संस्थान ने गैर-एनआरआई छात्रों के लिए शुल्क वृद्धि को पांच प्रतिशत तक कम कर दिया गया था।

अदालत ने कहा, वर्तमान कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए गैर-एनआरआई कोटा छात्रों के लिए फीस वृद्धि जुलाई-दिसंबर 2020 सेमेस्टर और जनवरी-जून 2021 सेमेस्टर के छात्रों के लिए पांच प्रतिशत घटा दी गई है।

अदालत ने फीस वृद्धि मामले पर अपनी राय देते हुए कहा, हमारी राय में, याचिकाकर्ताओं द्वारा फीस वृद्धि को चुनौती देने के लिए दी गई याचिका अस्पष्ट है।

अदालत ने इसे खारिज करते हुए कहा कि इस याचिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता।

निफ्ट के छात्रों ने संस्था द्वारा जारी उस परिपत्र को चुनौती दी थी, जिसमें शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए शुल्क संरचना (फीस स्ट्रक्चर) शामिल थी।

छात्रों ने अपनी याचिका में वर्तमान कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हुई चुनौतियों एवं इसके बाद पड़े आर्थिक प्रभाव का हवाला देते हुए संस्थान की ओर से 10 प्रतिशत फीस वृद्धि का विरोध किया था।

एकेके/एसजीके

Created On :   26 Oct 2020 11:30 AM GMT

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