हिन्दी अखबार का दावा 'कठुआ में बच्ची के साथ नहीं हुआ था दुष्कर्म'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कठुआ गैंगरेप एक ऐसी घटना थी जिसने पूरे देश को अंदर तक झकझोर दिया। हर कोई छोटा हो या बड़ा, आम आदमी हो या कोई राजनेता, सभी ने इसका विरोध किया। सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया। अब एक हिन्दी अखबार की खबर ने इस घटना को लेकर दावा किया है कि कठुआ में बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ ही नहीं था।
अखबार ने क्या लिखा है ?
अखबार की खबर के मुताबिक कठुआ के रसाना गांव में 8 साल की बच्ची से गैंगरेप और हत्या की चार्जशीट में जो सबूत और तथ्य पेश किए गए हैं उनमें कई तथ्य ऐसे हैं जो आपस में मैच नहीं करते। कठुआ जिला अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने बच्ची की दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट SIT को भेजी हैं। आमतौर पर हॉस्पिटल से एक ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट भेजी जाती है। इतना ही नहीं दो डॉक्टरों की रिपोर्ट में भी काफी अंतर है जिससे ये मामला और उलझ गया है। ये तथ्य उस वक्त सामने आए जब आरोपियों के वकील असीम साहनी को अस्पताल से दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली। घटना को लेकर चौंकाने वाली बात ये है कि दोनों रिपोर्ट में कहीं पर भी बच्ची के साथ गैंगरेप का कोई जिक्र ही नहीं है।
पोस्टमार्टम की दो रिपोर्ट में अलग-अलग खुलासे
अखबार के मुताबिक पोस्टमार्टम की पहली रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्ची के शरीर पर 6 जख्म हैं। दूसरी रिपोर्ट में 7 जख्मों का जिक्र है। सिर में कोई फ्रेक्चर नहीं है। क्राइम ब्रांच की चार्जशीट में ये दावा है कि बच्ची का गला घोंटने के बाद उसके सिर पर पत्थर मारा गया। 17 जनवरी को रसाना के जिस स्थान से शव बरामद किया गया था वहां पर पत्थर मारने का दावा क्राइम ब्रांच ने किया है लेकिन खबर के मुताबिक उस पत्थर पर भी ब्लड के कोई निशान नहीं हैं। जिससे आशंका जताई जा रही है कि बच्ची की मौत पहले हो चुकी थी। बच्ची की मौत की वजह सांस रुकने से हुए हार्ट अटैक को बताया गया है। रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि बच्ची के पेट में नशीली दवा भी मिली है।
पोस्टमार्टम की दूसरी रिपोर्ट में खुलासा
पोस्टमार्टम की दूसरी रिपोर्ट में बच्ची की जांघ पर कुछ खरोंचें पाई गई हैं जो गिरने की वजह से भी हो सकती हैं। सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ है कि बच्ची के साथ गैंगरेप नहीं हुआ है मगर बच्ची का हाइमन फटा हुआ है। हॉस्पिटल की महिला रोग विशेषज्ञ का कहना है कि ये घुड़सवारी, स्विमिंग, साइक्लिंग जैसे जोर लगाने वाले काम करने से भी टूट सकता है। रिपोर्ट में बच्ची के गुप्तांग और FSL भेजे गए कपड़ों में कोई वीर्य नहीं पाया गया। क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट में दावा किया है कि जांच के लिए FSL में भेजे गए कपड़े धोए गए थे।
पुलिस की भी लापरवाही उजागर
खबर के मुताबिक मामले की जांच में जुटी पुलिस ने भी लापरवाही की है। पुलिस ने आरोपियों के अंडर गारमेंट्स FSL में नहीं भेजे थे। रिपोर्ट में बताया गया है कि बच्ची के गुप्तांग में हल्के खून के दाग हैं जो कि चोट की वजह से भी हो सकता है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि बच्ची का शव जिस दिन मिला उसकी मौत 36 से 72 घंटे पहले हुई है। जिससे आशंका जताई जा रही है कि बच्ची की हत्या कहीं और करने के बाद उसके शव को रसाना में मंदिर के पास फेंका गया।
Created On :   21 April 2018 2:26 PM IST